तांत्रिक की हत्या में आजीवन कारावास
वाराणसी :पत्नी के साथ अवैध संबंध की आशंका में पूर्व परिचित तांत्रिक अशोक मिश्र की हत्या करने के आ
वाराणसी :पत्नी के साथ अवैध संबंध की आशंका में पूर्व परिचित तांत्रिक अशोक मिश्र की हत्या करने के आरोप में शुक्रवार को अदालत ने अभियुक्त रामलाल पासवान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला जज (नवम) विकास सक्सेना की अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे एडीजीसी केएन चौधरी के अनुसार रामनगर के सूजाबाद में एक मकान में रामलाल अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसी मकान के दूसरे हिस्से में अशोक मिश्र भी किरायेदार था। अशोक तंत्र-मंत्र का काम करता था। पुत्र की लालसा में दो बेटियों की मां रामलाल की पत्नी तांत्रिक के पास आती-जाती थी। रामलाल को शक हो गया कि अशोक के साथ पत्नी के अवैध संबंध हो गए हैं। शक का नतीजा यह हुआ कि 22 जुलाई की आधी रात रामलाल ने गुस्से में आकर कुदाल से प्रहार कर अशोक की हत्या कर दी।
नई फाइल बनाने के
लिए अदालत से गुहार
वाराणसी : जिला जज की नजारत से बजरंग दल के नेता राजकुमार गिरी की हत्या के मुकदमे से जुड़ी फाइल गायब होने के मामले में नए सिरे से फाइल तैयार कराने की शुक्रवार को अदालत में गुहार लगाई गई। ग्यारह वर्ष पूर्व हुई हत्या से जुड़ी पत्रावली फिर से तैयार करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने अपर जिला (एकादश) डीडी ओझा की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अदालत को बताया कि हत्या से जुड़े लंबित इस मुकदमे की फाइल तो आलमारी का ताला तोड़कर चोरी कर ली गई है लेकिन उन पत्रावलियों की प्रमाणित प्रति उनके पास मौजूद हैं। अदालत से अनुमति मिलने पर उसे दोबारा तैयार कर प्रस्तुत कर सकते हैं।
अदालत ने फाइल चोरी के मामले में जांच लंबित होने का हवाला देते हुए कहा कि जिला जज का आदेश मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। उधर राजकुमार गिरी की हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर जिला (एकादश) डीडी ओझा की अदालत में सुनवाई हुई। तीनों आरोपियों को पुलिस ने संतोष पाठक, राजू मिश्र व वीरेंद्र यादव अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान फाइल चोरी पर भी बात हुई। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पूर्व में भी सुनवाई के दौरान सोलह दिसंबर 2010 को आरोपी खुलेआम धमकी दे चुके थे कि वह पांच वर्ष तक इस मुकदमे को किसी हाल में निबटने नहीं देंगे। इसका उल्लेख पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा आदेश पत्रक में अंकित है।
गौरतलब है कि दीपावली की छुट्टियों के दौरान जिला जज की नजारत में आलमारी का ताला तोड़कर लक्सा में वर्ष 2002 में राजकुमार गिरी की हुई हत्या से जुड़ी फाइल चोरी कर ली गई है। हत्या के मामले में संतोष व वीरेंद्र जेल में हैं जबकि एक आरोपी जमानत पर बाहर है।
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पुलिसकर्मियों को हाजिर
कराने का डीजीपी को निर्देश
वाराणसी : मारपीट व लूटपाट के एक लंबित मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) संदीप गुप्ता की अदालत ने आरोपित पुलिसकर्मियों को हाजिर कराने का पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ पहले से ही गैर जमानती वारंट जारी कर रखा है। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए चौदह नवंबर की तिथि नियत की है।
प्रकरण के मुताबिक लोहता थाना क्षेत्र के सरहरी (मनोरथपुर) गांव निवासी अधिवक्ता विद्याधर पांडेय ने अदालत में परिवाद दाखिल किया था। आरोप था कि 27 फरवरी 2013 को वह अपने घर से कचहरी आ रहा था। रास्ते में तत्कालीन थानाध्यक्ष लोहता मूलचंद चौरसिया, कोटवां चौकी प्रभारी सभाजीत सिंह व आरक्षी राजेश यादव ने रोक लिया। अकारण पिटाई की और जेब में मौजूद पैंतीस सौ रुपये और मोबाइल छीन लिए। अदालत ने इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों को बतौर आरोपित तलब किया था। तीनों को हाजिर होने के लिए अदालत द्वारा कई बार सम्मन भेजा गया लेकिन कोई पुलिसकर्मी हाजिर नहीं हुआ।