Move to Jagran APP

अनियमित दिनचर्या से हो सकता है डिमेंशिया

वाराणसी : अनियमित दिनचर्या, नशाखोरी, मधुमेह, शुगर आदि अल्जाइमर के कारक हो सकते हैं। अल्जाइमर में सबस

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 10:03 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 10:03 PM (IST)
अनियमित दिनचर्या से हो सकता है डिमेंशिया

वाराणसी : अनियमित दिनचर्या, नशाखोरी, मधुमेह, शुगर आदि अल्जाइमर के कारक हो सकते हैं। अल्जाइमर में सबसे पहले भूलने की प्रक्रिया शुरू होती है। यह भूलने की प्रक्रिया इतनी बढ़ जाती है कि रोगी अपना नाम और घर का पता तक भूल जाता है। इसे डिमेंशिया कहते हैं। यह बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है। इसके इलाज के लिए अभी भी शोध रहे हैं। बीएचयू स्थित न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. वीएन मिश्र बताते हैं कि पूर्वाचल में डिमेंशिया की वास्तविक स्थिति बहुत दयनीय है। प्रतिवर्ष हजारों डिमेंशिया व अल्जाइमर के रोगी सर सुंदरलाल अस्पताल में आ रहे हैं। बताया कि इस बीमारी की खोज 1901 में डा. एलिवोस अल्जाइमर्स ने की थी। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। भूलने की बीमारी का इलाज संभव है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.