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सात हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास

वाराणसी : हत्या के दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सज

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 01:04 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 01:04 AM (IST)
सात हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास

वाराणसी : हत्या के दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई है।

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पहला प्रकरण : अपर जिला जज षष्ठम राकेश कुमार की अदालत ने चेतगंज में महिला को जलाकर मार डालने के आरोप में मृतका की सास अभियुक्त पौधारी उर्फ फैदारी, जेठ सुरेंद्र साहनी तथा जेठानी बारमती उर्फ पार्वती को उम्रकैद एवं पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि इन अभियुक्तों ने 26 जुलाई 2011 को परिवार की महिला बेबी को जलाकर मार डाला था। नया महादेव राजघाट निवासी छोटेलाल की बेटी की पौधारी देवी के लड़के अमीरचंद से शादी हुई थी। बाद में अमीरचंद की मौत हो गई थी। ससुराल में हक हिस्से को लेकर बेबी का उपरोक्त अभियुक्तों से विवाद चल रहा था। मृत्यु से पूर्व गंभीर रुप से जली बेबी का नायब तहसीलदार ने अस्पताल में बयान लिया था। बेबी ने इन अभियुक्तों पर जलाने का आरोप लगाया था।

दूसरा प्रकरण : अपर जिला जज अष्टम उमेश चंद्र की अदालत ने हत्या के मामले में मृतका के पति अभियुक्त प्रसून मिश्रा, सास पुष्पा मिश्र के अलावा पुष्पा के भाई अभियुक्त पतलव मिश्रा व भाभी सरिता मिश्रा को उम्रकैद एवं तीस-तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। इन अभियुक्तों को दहेज हत्या समेत अन्य आपराधिक धाराओं में दोषी करार देते हुए अदालत ने दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार फर्रुखाबाद जिले के राजीव नगर, मोहम्मदाबाद निवासी विमल किशोर द्विवेदी की पुत्री नीतू की 19 फरवरी 2007 को कन्नौज जिले के सिपाही ठाकुर मोहल्ला निवासी स्व: रविशंकर मिश्र के पुत्र प्रसून मिश्र से शादी हुई थी। शादी के बाद प्रसून मिश्रा अपनी पत्‍‌नी व परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के साथ बनारस आ गया यहां नौकरी करने लगा। इस दौरान वह और उसके परिवार के लोग दहेज में दो लाख रुपया और देने को लेकर विवाहिता नीतू के मायके वालों पर दबाब बनाने लगे। प्रसून व पुष्पा मिश्रा के अलावा प्रसून के मामा पल्लव मिश्रा तथा मामी सरिता मिश्रा भी उससे दहेज की मांग करते हुए उसे प्रताड़ित करने लगे। प्रताड़ना से आंतकित नीतू ने 30 जनवरी 2008 को मकान मालिक के मोबाइल से पिता को फोन कर जान का खतरा होने की आशंका जताई। इसके बाद जब नीतू के पिता उससे मिलने बनारस आ रहे थे, तभी रास्ते में सूचना मिली कि उसकी पुत्री की मौत हो चुकी है। मृतका के पिता ने अभियुक्तों के खिलाफ लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के शरीर पर चोट तथा गला कसने को मौत का कारण बताया गया।

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दहेज हत्या में पति को सजा

अपर जिला जज चतुर्थ अचल सचदेव की अदालत ने दहेज के खातिर पत्‍‌नी की हत्या करने के मामले में उसके पति अभियुक्त मोहन विश्वकर्मा को सात साल के कारावास एवं तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार गाजीपुर में खानपुर थाना क्षेत्र के अमेहता गांव निवासी गनेश विश्वकर्मा की पुत्री आशा की वर्ष 2006 में चौबेपुर थाना क्षेत्र के उपरवार गांव के रहने वाले मोहन विश्वकर्मा से शादी हुई थी। शादी के बाद दहेज लाने को लेकर मोहन अपनी पत्‍‌नी को तरह-तरह से प्रताड़ित करता था। 19 फरवरी 2012 को गनेश विश्वकर्मा को जानकारी मिली कि उसकी पुत्री की मौत हो चुकी है।


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