स्वर्णमयी अन्नपूर्णा दरबार में बंटा अन्न-धन उपहार
वाराणसी : श्री समृद्धि के पर्व धनतेरस पर मंगलवार को अन्नपूर्णेश्वरी दरबार का अक्षय कोष खुल गया। भक्त
वाराणसी : श्री समृद्धि के पर्व धनतेरस पर मंगलवार को अन्नपूर्णेश्वरी दरबार का अक्षय कोष खुल गया। भक्तों ने मइया की स्वर्णमयी सजीली झांकी का दर्शन किया। काशी के भरण-पोषण के लिए औघड़दानी महादेव को दान देने वाली काशीपुराधीश्वरी ने हर एक की झोली में अन्न-धन उपहार दिया। आशीषों की वर्षा से भक्तजनों को मालामाल किया।
साल में बस चार दिन के लिए खुलने वाले दरबार में भगवती अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा और भिक्षादान लेते महादेव की रजत झांकी के दर्शन के लिए सोमवार की रात से ही कतार लग गई। भोर चार बजे महंत रामेश्वर पुरी ने मंगला आरती की। धर्मार्थ कार्य मंत्री विजय मिश्र यजमान और डा. रामनारायण द्विवेदी के आचार्यत्व में अनुष्ठान किए गए। इसके साथ ही मंदिर के पट दर्शन के लिए खोल दिए गए। दोपहर में भोग आरती के लिए एक घंटे विराम और मंगलवार रात पट बंद होने तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। अन्न धन खजाना के रूप में उन्हें एक लाख 68 हजार सिक्के प्रसाद स्वरूप दिए गए। इसके लिए बनारस व आसपास के जिलों के साथ ही समूचे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व नेपाल तक से श्रद्धालु जुटे। हालांकि हुदहुद का असर रहा कि आंध्रप्रदेश के दर्शनार्थियों की संख्या इस बार बहुत ही कम रही।
तिहरी कतार, दो द्वारों से दर्शन
पूर्व के वर्षो की अपेक्षा श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखते हुए दो द्वारों से दर्शन व्यवस्था करनी पड़ी। पहले इसके लिए केवल गेट नंबर एक तय था। भोर में ही दशाश्वमेध व चौक की ओर कतारबद्ध श्रद्धालु बांसफाटक होते गेट नंबर एक (ढूंढिराज गणेश) से प्रवेश कर रहे थे तो त्रिपुरा भैरवी होते गेट नं. दो पर भी कतार लग गई। भीड़ का दबाव देखते हुए उन्हें सरस्वती फाटक से प्रवेश दिया गया। ऐसे में विश्वनाथ मंदिर के दर्शनार्थियों की छत्ता द्वार से प्रवेश और इसी से वापसी की गई। आसपास के थानों की पुलिस और सभी सीओ के साथ ही डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी ने भी सुरक्षा की कमान संभाली।