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बयालिस लाख देकर छूटे थे ज्योतिषाचार्य

वाराणसी : एसएटीएफ ने दावा किया है कि ज्योतिषाचार्य डा. लक्ष्मणदास बयालिस लाख रुपये की फिरौती देने के

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 12:49 AM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 12:49 AM (IST)
बयालिस लाख देकर छूटे थे ज्योतिषाचार्य

वाराणसी : एसएटीएफ ने दावा किया है कि ज्योतिषाचार्य डा. लक्ष्मणदास बयालिस लाख रुपये की फिरौती देने के बाद अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटे थे। बदमाशों ने पूजा-पाठ कराने के बहाने उनका अपहरण किया था। लक्ष्मणदास के घरवालों से एक करोड़ पच्चीस लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी लेकिन सौदा बयालिस लाख पर तय हुआ। एसटीएफ ने अपहरण में शामिल ग्यारह में से पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। बदमाशों के पास से फिरौती के दस लाख साठ हजार रुपये, दो असलहे, लक्ष्मण दास के मोबाइल समेत भारी मात्रा में नशीली दवाइयां बरामद की गई हैं। अपहरण कांड में फरार रफीक, राजेश समेत अन्य की तलाश की जा रही है।

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पुलिस लाइन के संगोष्ठी सदन में मीडिया से बातचीत में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि सर्विलांस के जरिए सटीक सूचना मिलने पर स्थानीय एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को करौंदी में राजेंद्र पटेल के मकान पर छापेमारी की। मकान से वाराणसी के शैलेंद्र दुबे और उसका भाई ऋषि दुबे, मो. दानिश और बिहार के दीपक तिवारी और श्रीराम पाठक को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने बताया कि अपहरणकांड में शामिल सभी बदमाश शातिर और पढ़े-लिखे हैं। शहर के कई अन्य कारोबारी इनके निशाने पर थे। लक्ष्मण दास के अपहरण करने का सुझाव ज्योतिषाचार्य के स्कूल में शिक्षण का कार्य कर चुके शैलेंद्र ने ही दिया था।

पूजा के बहाने ले गए थे

साजिश के तहत बिहार का श्रीराम पाठक और कुलदीप ने सितंबर माह में खुद को कारोबारी बताते हुए ज्योतिषाचार्य से कई बार मुलाकात की। बताया कि रामनगर में टेंगरा मोड़ के पास एक जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनानी है। पूजापाठ कराने के नाम पर दोनों ने पांच हजार रुपये एडवांस भी दे दिए। चौबीस सितंबर को अपहरण का मास्टरमाइंड रफीक, कुलदीप और राजेश जायसवाल एसयूवी से सामनेघाट पहुंचे। ज्योतिषाचार्य को जमीन दिखाने के बहाने एसयूवी से निकले। रास्ते में पूर्व योजना के तहत एक मिठाई की दुकान पर रूके, जहां पहले से ही शैलेंद्र, ऋषि और दीपक मौजूद थे। दुकान पर नशीली दवा मिली रसमलाई और पानी पिलाया। रामनगर पहुंचते-पहुंचते लक्ष्मणदास पर बेहोशी छाने लगी। दोबारा बदमाशों ने सैयदराजा स्थित एक रेस्त्रां में लक्ष्मणदास को नशीली काफी पिलाई जिससे वह बेहोश हो गए। वहां से लक्ष्मण दास को लेकर सभी बिहार के भभुआ पहुंचे। दुर्गावती पर राकेश और अक्षय पांडेय मिले। वहां से सभी लक्ष्मणदास को लेकर रामगढ़ पहुंचे और चिनारी में तांत्रिक टुनटुन शर्मा के यहां पहुंचे। लक्ष्मणदास को वहां रखने के बाद रफीक, टुनटुन, कुलदीप, अक्षय और राकेश बारी-बारी से निगरानी करते थे। लक्ष्मणदास को ठिकाने पर पहुंचाने के बाद राजेश, दीपक, शैलेंद्र और दानिश वाराणसी लौट आए।

पान खाकर मांगते थे फिरौती

ज्योतिषाचार्य का अपहरण करने के बाद रफीक और ऋषि दुबे पश्चिम बंगाल पहुंचे। रफीक ने जमील के माध्यम से एक सिम खरीदा। अपहरण के चार दिन बाद 28 सितंबर को ऋषि ने पहली बार ज्योतिषाचार्य की पत्‍‌नी के मोबाइल पर कॉल किया और एक करोड़ पच्चीस लाख रुपये फिरौती मांगी। कई दिनों तक सौदेबाजी के बाद बयालीस लाख रुपये पर आकर सौदा तय हुआ। आवाज पकड़े जाने के डर से ऋषि और रफीक फिरौती के लिए जब भी बात करते, पान खा लेते थे। फिरौती की रकम बिहार के दुर्गावती में मिलने के बाद चार अक्टूबर को बदमाशों ने लक्ष्मणदास को मुक्त किया।


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