शिक्षिका ने लगाई फांसी
वाराणसी : चेतगंज थाना क्षेत्र के रामकटोरा इलाके में रविवार की देर रात बाइस वर्षीय युवती आकांक्षा बिं
वाराणसी : चेतगंज थाना क्षेत्र के रामकटोरा इलाके में रविवार की देर रात बाइस वर्षीय युवती आकांक्षा बिंद ने फांसी लगा ली। आकांक्षा की लाश घर की छत पर बने कमरे में पंखे के सहारे दुपट्टे से लटकती मिली। घरवालों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लाश को पंखे से उतारा और सोमवार को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
कोयले के कारोबार से जुड़ी रामकटोरा क्षेत्र की उमा देवी की बेटी आकांक्षा एमसीए करने के बाद बीते तीन महीने से गोलगड्डा क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ा रही थी। परिजनों के मुताबिक रविवार रात नौ बजे घरवालों के साथ भोजन करने के बाद रोज की भांति साढ़े नौ बजे घर की छत पर टहलने चली गई। रात लगभग बारह बजे भाई आनंद को ध्यान आया कि आकांक्षा अभी छत से नहीं आई है तो वह भागकर ऊपर पहुंचा। छत पर बने एक कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तब उसने मां को बताया। मां व अन्य भाई-बहन छत पर आए। दरवाजा नहीं खुला तब आनंद ने मोबाइल टार्च से अंदर देखा तो होश फाख्ता हो गए। आकांक्षा दुपट्टे के सहारे पंखे से लटक रही थी। तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची चेतगंज पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और लाश को उतारा।
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बेटी ये क्या कर दिया
पति की मौत के बाद चार बेटियों और दो बेटों के लालन-पालन में उमा देवी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखा। पिता की कमी कभी महसूस नहीं होने दी। जिस लाड़-प्यार से पाला उसी अधिकार से कभी डांट भी दिया लेकिन उस डांट के बदले बेटी ऐसा कदम उठा लेगी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। बेटी के निर्जीव शरीर को देख मां के मुंह से बस इतना ही निकल पाया 'बिटिया तूने ये क्या कर डाला'। परिजन कलप रहे थे कि, चार बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर की आकांक्षा इतना बड़ा कदम उठा लेगी, किसी ने सोचा तक न था।