अबोध भतीजे की हत्या में चाचा-चाची को उम्रकैद
वाराणसी : मकान बंटवारे की आपसी रंजिश में पांच वर्षीय अबोध बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने अभियुक्त उसके सगे तीन चाचाओं और चाची को आजीवन कारावास एवं दस- दस हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) ओमप्रकाश मिश्र ने अभियुक्त मृतक के चाचा इरशाद अहमद, अशफाक अहमद, अब्दुल अहमद और उसकी पत्नी तकदीरुन्निशा को उपरोक्त सजा से दंडित किया है। अदालत ने अभियुक्तों से अर्थदंड वसूले जाने पर बतौर क्षतिपूर्ति 20हजार रुपया मृतक बच्चे के परिजन को देने का आदेश दिया। अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी एडीजीसी सुरेश सिंह ने की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जैतपुरा थाना क्षेत्र के बाकराबाद मुहल्ला निवासी बेलाल अहमद का अपने भाइयों अभियुक्त इरशाद, अशफाक और अब्दुल से मकान के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। बेलाल ने 17 सितंबर 2010 को जैतपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पांच वर्षीय बेटे अफजाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे के गले पर चोट व दम घुटने के कारण मौत की वजह बताई गई। पीएम रिपोर्ट के अनुसार हत्यारों ने अबोध का गला धीरे-धीरे दबाया था जिससे उसकी मौत हुई। घटना की पड़ताल के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि बेलाल के भाइयों इरशाद, अशफाक व अब्दुल और अब्दुल की पत्नी तकदीरुन्निशा ने उसके बेटे अफजाल की गला दबाकर हत्या की थी। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर घटनास्थल से हरे रंग का कपड़ा, गमछा व अन्य साक्ष्य बरामद किया।