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समस्याओं को लिया जाएगा चुनौतियों के रूप में

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 01:59 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:59 AM (IST)
समस्याओं को लिया जाएगा चुनौतियों के रूप में

वाराणसी : केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि सरकार के पास स्कीम व फंड दोनो है। साथ में समस्याएं भी बहुत है। इसे चुनौती के रूप में लेकर सब कुछ ठीक कर दूंगा। उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि वे करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को पुन: परिभाषित किया जाएगा। औद्योगिक विकास के लिए काशी में कौशल विकास केंद्र खोला जाएगा।

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केंद्रीय मंत्री सोमवार को इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स वाराणसी शाखा व रामनगर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की ओर से छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में आयोजित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के विकास व संरक्षण विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाराणसी में एक माह में कौशल विकास केंद्र काम करने लगेगा। इससे उद्योग व व्यापार जगत को काफी राहत होगी, इसमें हर वर्ष दस हजार लोगों को तकनीकी तौर पर दक्ष किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश के विकास में सूक्ष्म व लघु व मध्यम उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज यूरोप, चीन, जापान जैसे देश विकसित हैं। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा जगह-जगह प्रदर्शनी लगाई जा रही है। उत्पादन के साथ ही मार्केटिंग जरूरी है। कलस्टर योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। एमएसएमआइ.काम वेबसाइट तैयार की गई है जिसके माध्यम से उत्पादों की जानकारी की जा सकती है।

इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स वाराणसी शाखा के अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल ने सभागार में सभी उद्यमियों व व्यापारियों का स्वागत और मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह् प्रदान किया।

एमएसएमई को किया जाएगा पुन: परिभाषित : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को पुन: परिभाषित किया जाएगा। प्रदेश व खासकर पूर्वाचल में उद्योगों के विकास के लिए वैसा वातावरण तैयार करने की जरूरत है।

निर्यात आठ हजार करोड़ का मगर सुविधा कुछ नहीं : इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाराणसी चेप्टर के चेयरमैन व प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 31 लाख से ज्यादा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग हैं लेकिन विकास की रफ्तार थम गई है। भारत का सबसे बड़ा उद्योग कार्पेट है, बीस लाख लोग इससे जुड़े है। प्रतिवर्ष आठ हजार करोड़ का निर्यात लेकिन सुविधा कुछ नहीं है। भदोही की सड़कें चलने लायक नहीं है।

निस्तारण को सिंगल विंडो हो

उद्यमी अशोक गुप्ता ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम होना चाहिए ताकि एक छत के नीचे आसानी से समस्याओं का समाधान हो सके। जगदीशपुर तक गैस पाइल लाइन बिछाई जा चुकी है। इसका विस्तार वाराणसी तक हो। सौर ऊर्जा के लिए सरकार 30 फीसद सब्सिडी देती थी जो एक साल से बंद है। सर्विस टैक्स विभाग में उत्पीड़न जारी है।

मनरेगा को एमएसएमइ से जोड़ा जाए

उद्यमी राजेश भाटिया ने कहा कि मनरेगा को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को मनरेगा से जोड़ा जाना चाहिए ताकि लेबर समस्या का निराकरण हो सके। इससे जहां श्रमिकों को 365 दिन काम मिलेगा वहीं सरकार का आर्थिक भार कम होगा। श्रम कानून में बदलाव की जरूरत हैं।

रामनगर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष व उद्यमी शेषपाल गर्ग, डीएस मिश्रा, जगदीश झुनझुनवाला, व्यवसायी श्रीनारायण खेमका, निर्यातक राजीव अग्रवाल, रवि पटोदिया, राजन बहल आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख उद्यमी दीनानाथ झुनझुनवाला तथा संचालन संजीव सिंह बिल्लू ने किया।

कार्यक्रम में दिनेश तोमर, भरत अग्रवाल, मुकुल शाह, सुब्रतो पाल, अनिता डे, मनीष कुमार, सीए सुदेशना वसु, रतन सिंह, आदर्श झुनझुनवाला, रामस्वरुप अग्रवाल, महेश चौधरी, अंजनी अग्रवाल, सुनील अग्रवाल आदि उपस्थित थे।


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