काशी के दल ने देखी-जानी जापानी वेस्ट मैनेजमेंट तकनीक
वाराणसी : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इंडो-जापान सहयोग प्रतिनिधिमंडल में शामिल काशी के दल ने सोमवार को टोकियो (जापान) में विशेषज्ञों से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि उनसे वेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक जानी ताकि इसका इस्तेमाल काशी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में भी हो सके। मां गंगा की धारा को भी नवजीवन मिल सके। दल ने हिताची वेस्ट मैनेजमेंट का निरीक्षण किया, तकनीकी देखी, समझी-जानी। इरादा यही कि कुछ इसी अंदाज पर अपनी काशी के माथे पर लगा गंदगी का कलंक गुम सके, मिट सके।
विशेषज्ञों से विमर्श : प्रतिनिधिमंडल ने हिरोशिमा के गर्वनर प्रतिनिधि से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि व्यावसायिक संबंधों, हिरोशिमा के विकास पर भी चर्चा की। प्रतिनिधि ने द्वितीय विश्वयुद्ध में बमबारी के बाद हिरोशिमा के विकास के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल के सदस्य पहुंचे टोकियो स्टाक एक्सचेंज जहां स्टाक एक्सचेंज के उपाध्यक्ष कोतारो यामाजावा के साथ विचार विमर्श किया।
दल के सदस्यों ने पसोना इनकारपोरेशन, सुमिटोमो कारपोरेशन का भी निरीक्षण किया, तकनीकी देखी और इसके मद्देनजर वाराणसी में नए उद्यमों की स्थापना के लिए ताना-बाना बुना।
ज्ञात हो कि काशी से पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जापान गया है। इसमें शामिल हैं चिकित्सक व पंचगंगा फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. हेमंत गुप्ता, आर्किटेक्ट ऋषभचंद जैन, हेल्थ केयर सेंटर प्रेन्योर व काशी तीर्थ सुधार ट्रस्ट के सदस्य मनोज शाह, रोहिताश्व वर्मा व संजय शुक्ला।