क्योटो सी काशी बनाने के लिए तैयार है युवा मन
वाराणसी : बात क्योटो सी काशी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी और यहां की जीवनधारा को नया अंदाज देने के लिए जापान से किया है समझौता। समझौते की जानकारी के बाद यहां का युवा मन अपनी काशी को निखारने में सहभागी बनने के लिए छटपटाने लगा है। उसे तो बस इंतजार है कि कब जापानी विशेषज्ञ और निर्माण तकनीकी यहां तक पहुंचे और वे अपने सपनों को संवारने में अपनी भूमिका तय कर सकें।
वैसे भी जापान के ऐतिहासिक शहर व पूर्व राजधानी क्योटो को शानदार और रमणीक शहर बनाने में विद्यार्थियों व आम युवाओं की भूमिका अहम रही है। काशी के छात्र-युवा भी अपने शहर की साज-संभाल में अपनी भूमिका को साबित करने को आतुर हैं।
जुड़ेंगे और साथ देंगे
मां गंगा के लिए हुए आंदोलन में छात्र-छात्राओं की सक्रियता इस बात का प्रमाण है कि वे अपनी काशी के लिए भी कहीं से पीछे नहीं रहेंगे। जरूरत पड़ी तो गंगा निर्मलीकरण संग शेष शहर की सफाई से भी जुड़ेंगे। बीएचयू के विद्यार्थी कौस्तुभ, पिंटू, विकास, विद्यापीठ के संदीप, अभिषेक, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के जनकनंदिनी शरण बाबा, जगदीश तिवारी, समीर बाजपेयी आदि कहते हैं कि हम अपनी पूरी टीम के साथ काशी और गंगा के लिए तैयार हैं। बस निर्देश मिलने का इंतजार है।
युवामन को दिशा तो दें
विशेषज्ञ प्रो. बीडी त्रिपाठी प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं। कहते हैं कि भौगोलिक विषमताओं के बावजूद क्योटो और काशी में धार्मिक समानता तो है ही। वहां से आने वाली तकनीक, विशेषज्ञता नया तेवर देगी ही। रही बात स्कूली बच्चों की तो हमारे बच्चे अपनी मां गंगा और शहर की शुचिता के लिए कहीं से पीछे नहीं थे और न रहेंगे। बस उन्हें दिशा देने की जरूरत है। यह भी जोड़ते हैं कि अब वक्त है कि स्कूल व स्वयंसेवी संगठन व अन्य लोग अपने आसपास के दायरे में सफाई अभियान चलाएं और यह काम सप्ताहवार, तिथिवार या माहवार तब तक चलाते रहें जब तक उस क्षेत्र के लोग जागरूक न हो जाएं। अगर ऐसा हुआ तो अपना शहर देखते ही देखते स्वच्छ हो जाएगा, जागरुकता बढ़ जाएगी और मोदी जी का सपना साकार हो जाएगा।