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उमस, गर्मी में बिजली कटौती से बढ़े सांस रोगी

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 07:35 PM (IST)
उमस, गर्मी में बिजली कटौती  से बढ़े सांस रोगी

वाराणसी : इस मानसून में बादलों ने सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि सांस के रोगियों को भी खूब धोखा दिया। अमूमन बरसात का मौसम सांस रोगियों के लिए बेहद राहत भरा होता है। कारण कि इस मौसम में धूल के कण वायुमंडल में नहीं के बराबर होते हैं। हवा भी शुद्ध होती है। बरसात न होने से वातावरण में बढ़ी गर्मी और उमस ने सांस रोगियों का जीना मुश्किल कर दिया है। इसके साथ ही बिजली की बेतहाशा कटौती तो लोगों को अस्पताल पहुंचा रही है। पिछले एक सप्ताह में सर सुंदरलाल अस्पताल की चेस्ट एवं टीबी ओपीडी में प्रतिदिन औसतन तीन सौ से अधिक मरीज आ रहे हैं। वार्ड भी फुल हो चुका है। अधिकतर मरीजों को गर्मी की वजह से सांस फूलना, खांसी आना, आक्सीजन की कमी होना आदि की शिकायतें हुई।

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अधूरी नींद : उत्तम स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है। बिजली कटौती के कारण अधिकांश जनता को अच्छी नींद नसीब नहीं हो रही है। बीएचयू स्थित चेस्ट एवं टीबी विभाग के प्रो. एसके अग्रवाल के अनुसार उन्हें अवसाद, तनाव, प्रतिरोधक क्षमता का घटना, पसीना निकलने से शरीर में सोडियम क्लोराइड की कमी हो जाती है।

सूखी खांसी : उमस व गर्मी के कारण अस्पताल में नए सांस रोगी भी पहुंचे। इस मौसम में अचानक सूखी खांसी शुरू हो जाती है। खांसी इतनी अधिक होती है कि सांस की नलियों में सूजन होने लगती है। गले में दर्द होने लगता है। स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि सामान्य बुखार टॉयफायड का रूप ले लेता है।

बरतें सावधानी : प्रो. अग्रवाल ने बताया कि उमस व गर्मी सभी के लिए घातक है। ऐसे में सबसे पहले स्वच्छ पानी पिएं। धूल, धूप व धुएं से परहेज करें। जितना हो सके चिकना तेल मसाला युक्त के बजाय ताजे मौसमी फल खाएं। जरा भी तबीयत खराब हो तो तुरंत चिकित्सक के पास पहुंचें।


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