रामलीला पक्की पर गूंजे बालकांड के दोहे
वाराणसी : रामनगर की विश्वप्रसिद्ध रामलीला का भाद्र शुक्ल चतुर्थी तद्नुसार शुक्रवार को औपचारिक श्रीगणेश हो गया। चौक स्थित रामलीला पक्की पर द्वितीय गणपति पूजन किया और बालकांड के दोहे -चौपाइयां गूंज उठीं। झांझ मृदंग की तान पर रामायणी दल ने सात दोहों का पाठ किया। इसके साथ ही रामनगर में लीला की रंगत जोर पकड़ने लगी है। लीला मंचन अनंत चतुदर्शी पर सात सितंबर को क्षीर सागर की झांकी और रावण जन्म की लीला से शुरू होगा।
गणेश चतुर्थी के विधि विधान के अनुसार सुबह रामलीला पक्की पर गणपति देव की आराधना की गई। रामलीला सकुशल संपन्न कराने के लिए विघ्न विनायक से गुहार, मनुहार के साथ नवग्रह पूजन भी किया गया। रामचरित मानस पोथी, हनुमान जी के मुखौटे और पंच स्वरूपों की पूजा अर्चना की गई। स्वरूपों को माल्यापर्ण, तिलक के साथ जलपान व दक्षिणा आदि विधान किए गए। रामायणी दल को पक्की पर विराजमान कराकर तिलक-पुष्प अर्पण किया गया, इसके साथ ही झांझ-मजीरा और मृदंग की थाप पर चौपाइयां गूंज उठीं। परंपरा के अनुसार रूद्रनारायण पाठक के नेतृत्व में रामायणी पहले दिन सात और अंतिम दिन 15 दोहों का पाठ करेंगे। इसके बीच के दिनों नें रोजाना 20-20 दोहे पढ़े जाएंगे। पूजन अनुष्ठान में रामलीला अधिकारी डा. जयप्रकाश पाठक यजमान थे। आचार्य लक्ष्मीनारायण व्यास व शांत नारायण पांडेय ने पूजन कराया। इस दौरान रघुनाथ दत्त व्यास, कृष्ण दत्त व्यास, शिवदत्त व्यास, संपत व्यास के अलावा रमेश पांडेय, श्यामसुंदर द्विवेदी, मनोज श्रीवास्तव, चंद्रशेखर शर्मा, शत्रुघ्न सिंह, संतोष यादव, जगदीश मिश्र आदि ने संयोजन में सहयोग किया।