रचनाकार माने भाव व शब्द की युगलबंदी
वाराणसी : उदय प्रताप स्वायत्तशासी कालेज में सोमवार को लेखिका डा. नीरजा माधव की कहानी संग्रह 'वाया पांडेपुर चौराहा' का विमोचन हुआ। विमोचन हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने किया। इस मौके पर हिंदी विभागाध्यक्ष डा. मधु सिंह ने कहा कि भाव सभी के पास हैं पर शब्द बहुत कम लोगों के पास है। जो इन दोनों का संतुलन बना लेता है वही श्रेष्ठ रचनाकार की श्रेणी में आ जाता है। डा. माधव की कहानी संग्रह से यह बात स्पष्ट भी हो जाती है।
डा. बृजबाला सिंह ने कहा कि एक खूबसूरत व्यंग्य रचना है जो अतीत को वर्तमान से जोड़ती है। इसका ताना-बाना उन सवालों का उत्तर तलाशने का प्रयास करता है जो हम सभी के अंदर चल रहा है। कविता श्रीवास्तव, प्रतिमा, चन्द्र प्रकाश, श्वेता, गौतम सिंह आदि ने कहानी संग्रह 'वाया पांडेपुर चैराहा' की कथ्य शैली, भाषा शैली, रचनाधर्मिता एवं भाव पक्ष पर बात रखी। डा. माधव ने कहानियों की रचना प्रक्रिया के साथ नई और पुरानी पीढ़ी के बीच के अंतराल को पाटने पर जोर दिया। डा. जितेंद्र नाथ मिश्र, प. हरिराम द्विवेदी, प्रो. श्रद्धानंद, डा. मुक्ता, डा. बृजबाला सिंह व हिमाशु उपाध्याय मंचासीन थे। संचालन डा. मधु सिंह ने किया। डा. राम सुधार सिंह, डा. अनिल सिंह, डा. सपना सिंह, डा. बेनी माधव, डा. अत्रि भारद्वाज आदि मौजूद थे।