उद्यमियों ने तीसरे दिन भी नहीं उठाया कच्चा माल
वाराणसी : क्राफ्ट पेपर के मूल्यों में हुई बेतहासा वृद्धि के विरोध में पैकेजिंग बाक्स निर्माण इकाइयों में तीन दिनी हड़ताल के अंतिम दिन बुधवार को मिलों से रॉ-मैटेरियल (कच्चा माल) नहीं उठाए गए। इस हड़ताल से पूर्वाचल में करीब चार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ।
औद्योगिक आस्थान चांदपुर में उत्तर प्रदेश कारूगेटेड बाक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के जिला इकाई अध्यक्ष राजेश भाटिया ने बताया कि पेपर मिल संचालकों की मनमानी के कारण निर्माण इकाइयों को हड़ताल जैसा कदम उठाना पड़ा। हड़ताल के दौरान पैकेजिंग बाक्स निर्माण इकाइयां में मिलों से रॉ-मैटेरियल नहीं उठाए गए। पुराने स्टॉक से ही काम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक मिल संचालक तानाशाही रवैया नहीं छोड़ देते हम सब कच्चा माल नहीं उठाएंगे। रॉ-मैटेरियल के कारण यदि इकाई बंद करनी पड़ी तो ऐसा भी करेंगे।
बैठक में तय होगी रणनीति
उत्तर प्रदेश कारूगेटेड बाक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की नोएडा में बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उम्मीद है कि गुरुवार तक स्थिति साफ हो जाएगी।
एसोसिएशन के महामंत्री लोकेश अग्रवाल ने बताया कि मिल संचालकों की मनमानी से क्राफ्ट पेपर के मूल्यों में 30 फीसद से ज्यादा की वृद्धि हो गई। इससे चलते छोटे पैकेजिंग उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। पूर्वाचल में चार सौ से ज्यादा इकाइयां है। अकेले चांदपुर में सवा सौ कारखाने हैं।