टेंशन लेने का नहीं, मापने का..
वाराणसी : भागमभाग के दौर में दिमाग का एकाग्र होना मुश्किल होता है। एकाग्रता भंग होने से दिमाग की दुनिया पर तनाव का साम्राज्य फैलने लगता है। ऐसे में हर किसी को अपने 'टेंशन' का टेस्ट जीएसआर बायो फीडबैक व पल्स बायोफीडबैक डिवाइस पर कराना चाहिए। दोनों मशीनें क्रमश: हमारी चेतना और तनाव पर शरीर के प्रबंधन का प्रतिशत मापती हैं। मशीनों का प्रदर्शन चिकित्सा विज्ञान संस्थान में आयोजित स्वास्थ्य मेले में रचना शरीर विभाग द्वारा किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. एचएच अवस्थी के निर्देशन में दो सौ से अधिक लोगों के तनाव दर को मापा गया।
मापन दर : विभाग की डा. अलका बताती हैं कि चेतना मापने की मशीन जीएसआर बायो फीडबैक है। सामान्य व्यक्ति की चेतना 30 बीट ऊपर होनी चाहिए। मस्तिष्क की चेतना की दर यदि बढ़ते क्रम में हो तो स्वस्थ्य माना जाता है। वहीं दूसरी मशीन पल्स बायो फीडबैक तनाव की गणना करती है। इसका आंकड़ा कम से कम होना चाहिए।
तरीका : दोनों डिवाइसों के तारों में लगी क्लिप को दाहिने हाथ की तर्जन व मध्यमा उंगली में विशेष ल्यूब्रिकेंट के साथ लगा देते हैं। इसके बाद दोनों मशीनों को आन किया जाता है। टेस्ट कराने वाले व्यक्ति से दिमाग को शांत करने को कहा जाता है। पांच मिनट तक वह आंख मूंदकर बैठा रहता है और मशीनें चेतना और तनाव की गणना करती हैं। पांच मिनट बाद सटीक परिणाम आ जाता है।