किसानों पर कुदरत की मार
जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगातार तापमान में वृद्धि होने से गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अगर
जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगातार तापमान में वृद्धि होने से गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अगर एक सप्ताह यही हाल रहा तो गेहूं और सरसों समेत सभी फसल के उत्पादन में गिरावट आएगी। तापमान और हवा का फसल पर ग्रहण लगने से किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें साफ नजर आ रहीं हैं।
जिले में गेहूं का रकबा 1.70 लाख हेक्टेयर है। 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य माना गया है। शुरुआत में मौसम अनुकूल रहा तो कल्ले भी अच्छे निकले, लेकिन फरवरी में प्रवेश करते ही पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार तापमान में वृद्धि होने लगी। सामान्य तापमान 21 से 23 डिग्री तक होना चाहिए, लेकिन यह 25 से 26 डिग्री तक पहुंच गया। इसके साथ ही तेज हवा चलने से फसल सूखने लगी है। जिससे गेहूं का दाना पतला रह जाएगा। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी। पछेती खेती करने वाले किसान गेहूं की फसल का उत्पादन कम होने से बचाने के लिए ¨सचाई कर रहे हैं। इससे लागत में वृद्धि हो गई है। एक सप्ताह के अंदर ही गेहूं की बाली और तना दोनों ही पीले पड़ने लगे हैं, सरसों के पत्ते भी पीले पड़ने लगे हैं। इससे दाना भी सूखने लगा है। जिला कृषि अधिकारी अतींद्र ¨सह का ही कहना है कि हवा न थमी तो सभी फसलों की पैदावार पर असर पड़ेगा। साथ ही दाना पतला रह जाने से उत्पादन में पांच से सात फीसद तक की कमी आ सकती है।
सब्जी उत्पादन पर भी विपरीत प्रभाव : वहीं तापमान में वृद्धि और तेज हवा चलने से सब्जियों की फसलों के उत्पादन पर भी असर पड़ा है। सब्जी की खेती करने वाले किसानों छविनाथ, रामप्रताप, महेश आदि ने बताया कि फसल बचाने के लिए ¨सचाई की जरूरत जल्दी होने लगी है। इससे लागत भी बढ़ेगी। कुछ सब्जी के पौधों के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं।
पछुवा हवा बनी मुसीबत : मौसम में अचानक बदलाव हुआ है। तापमान बढ़ने के साथ ही तेज पछुआ हवा चल रही है। इससे फसल सूखने लगी है। कृषि वैज्ञानिकों की मानी जाए तो सरसों के तना हिल जाएंगे। इससे भूमि की नमी भी कम पड़ने लगी है। रविवार को दोपहर दो बजे तक अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा। अचानक मौसम के बदले रुख से किसान उत्पादन पर पड़ने वाले असर को लेकर ¨चतित हैं।
तापमान में वृद्धि के साथ तेज हवा चलने से सभी फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। गेहूं की फसल सूखने लगी है जबकि पछेती खेती करने वालों की फसलों में अभी दावा परिपक्व नहीं हुआ है। सरसों की फसल के तनों की जड़ हिल रही हैं इससे मिट्टी की नमी भी उड़ रही है। -अतींद्र ¨सह, जिला कृषि अधिकारी।