शिक्षामित्र दिल्ली में, स्कूलों में लगे ताले
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी है। स
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी है। सहायक अध्यापक पद पर पुन: बहाली के लिए वह 11 सितंबर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर डटे हैं। उनके गैरहाजिर होने से जिले भर में 141 स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई ठप है। रोज स्कूल जाकर बच्चे घर लौट जाते। स्कूल खुला मिल भी गया तो वहां पढ़ाई नहीं हो रही है। शिक्षण कार्य पूरी तरह से बेहाल है। इसे पटरी देने के कोशिश जूनियर स्कूलों के शिक्षकों से की जा रही है। जो अपनी ड्यूटी अपने मुताबिक निभा रहे हैं।
25 जुलाई के बाद से परिषदीय स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई ठप है। जिले के 2305 प्राइमरी स्कूलों में 141 ऐसे हैं जिनको शिक्षामित्र ही संभाले हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से यहां तैनात शिक्षामित्रों में शायद ही कोई स्कूल पहुंचा हो। वह शिक्षण कार्य को छोड़ वह अपने 'भविष्य' को सुरक्षित करने में लगे हैं। आंदोलित शिक्षामित्रों का अब दिल्ली में डेरा है। अपनी लड़ाई को जारी रखते हुए वह 14 सितंबर के बाद लौटेंगे। इन हालातों में उनके सहारे चलने वाले स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित है। मियागंज, सफीपुर, सिकंदरपुर सरोसी व कर्ण सहित नवाबगंज, हसनगंज आदि ब्लाक के प्राइमरी स्कूलों में यह देखा जा सकता है। लड़खड़ाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए स्कूलों का ताला आंदोलित कार्यक्रमों में जूनियर स्कूलों के शिक्षकों द्वारा खुलवाया जा रहा है।
यहां संभाली है कमान : सिकंदरपुर सरोसी व कर्ण के प्राथमिक विद्यालय सरैंया, हरिहरपुर, गगनीखेड़ा सहित हसनगंज क्षेत्र में नबीनगर, रामपुर अखौली, समदपुर जसमड़ा प्राथमिक स्कूल, सहजनी प्राथमिक स्कूल सहित अन्य ब्लाक के स्कूलों का शिक्षण कार्य बुधवार भी प्रभावित रहा है। जिले में 3462 में 623 शिक्षामित्र ही ड्यूटी पर नजर आए लेकिन शिक्षा की व्यवस्था जस के तस थी।
अभिभावकों में नाराजगी : स्कूलों में पढ़ाई न होने की वजह से अभिभावकों का भी पारा चढ़ रहा है। बीईओ और एबीआरसी के पास हर दिन शिकायत पहुंच रही है। प्रभारी बीएसए नसरीन फारूकी का कहना है कि जिले में कोई भी स्कूल बंद नहीं है। जहां शिक्षामित्र नहीं हैं, वहां नजदीक के उच्च प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है।