उन्नाव-रायबरेली रूट पर टूटी पटरी से गुजरी ट्रेन
गुरुवार सुबह उन्नाव-रायबरेली रूट पर रघुराजसिंह रेलवे स्टेशन के पास रायबरेली पैसेंजर टूटी पटरी से गुजर गई।
उन्नाव (जेएनएन)। लगातार हादसों के बाद भी रेलवे अधिकारी संजीदा नहीं हैं। गुरुवार सुबह उन्नाव-रायबरेली रूट पर रघुराजसिंह रेलवे स्टेशन के पास रायबरेली पैसेंजर टूटी पटरी से गुजर गई। गनीमत थी कि उस वक्त ट्रेन की रफ्तार कम थी जिससे बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन निकल जाने के बाद चरवाहों ने पटरी टूटी देखी और स्टेशन पर खबर की उसके बाद जानकारी आला अधिकारियों को हुई तो तत्काल ट्रैक मरम्मत कराए जाने के साथ लापरवाही की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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गुरुवार तड़के सुबह यात्रियों से खचाखच भरी कानपुर-रायबरेली पैसेंजर उन्नाव-रायबरेली रूट से धड़धड़ाते हुए गुजरी। ट्रेन के गुजरते ही रघुराजसिंह व बिहार स्टेशनों के बीच स्थित क्रासिंग के पास से कुछ चरवाहे निकले जिनकी निगाह ट्रैक पर पड़ी तो पटरी टूटी दिखी, इसमें काफी गैप भी आया हुआ था। चरवाहों ने इसकी सूचना रघुराज सिंह स्टेशन स्टाफ को दी। पटरी टूटी होने की सूचना मिलते ही रेल महकमे में हड़कंप मच गया। विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन इसकी सूचना आलाधिकारियों को दी। सूचना पर रेल पथ विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ट्रैक की मरम्मत की गई। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक जिस जगह पर पटरी टूटी है वहां पर ट्रैक बदले जाने का काम किया जा रहा है। वह वेल्डिंग प्वाइंट था इसलिए क्रेक हो गया था। वहीं घटना को गंभीरता से लेते हुए डीआरएम ने जांच के आदेश इंजीनियरिंग विभाग सहित रेल पथ विभाग के सेक्शन अधिकारियों को दिए हैं।
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नहीं होती समय से पेट्रोलिंग
रेल पथ विभाग के अधिकारियों ने उन्नाव-रायबरेली रूट के ट्रैक की ओर मुंह फेर रखा है। इस रूट पर पेट्रोलिंग भी समय से नहीं की जाती है। गैंगमैनों की ड्यूटी होने के बाद भी ट्रैक की जांच में ढिलाई बरती जाती है। यह स्थिति तब है जब इस रूट पर लगातार मेंटीनेंस व पटरियां बदले जाने का काम चल रहा है। डीआरएम सतीश कुमार ने बताया कि पटरी टूटने की जानकारी मिली है। मौके पर इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों को भेजा गया है। जानकारी मिली है कि वह वेल्डिंग प्वाइंट था। घटना बड़ी है कुछ भी हो सकता है। इंजीनियरिंग व रेल पथ विभाग के अधिकारियों को जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दे दिए हैं।
एक साल में आधा दर्जन बड़ी लापरवाही
बीते एक वर्ष में जिले के रेल अफसरों की ओर से आधा दर्जन से अधिक बार बड़ी लापरवाही की गई है। यह लापरवाही तीन बार तो यह हादसों में भी तब्दील हो चुकी हैं। पहले उन्नाव स्टेशन के पास टावर वैगन का पटरी से उतरना, फिर शुक्लागंज छमकनाली के पास मालगाड़ी का पलटना व उन्नाव स्टेशन पर ही लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस का डिरेल होना इसके उदाहरण हैं। इसके अलावा रेल फ्रैक्चर होने से सोनिक स्टेशन के पास उत्सर्ग एक्सप्रेस का दुर्घटनाग्रस्त होने से बचना, वहीं अजगैन स्टेशन के पास मालगाड़ी के चालक की टूटी पटरी पर निगाह पडऩे के बाद ट्रेन को रोकना और गुरुवार को रायबरेली पैसेंजर के टूटी पटरी से गुजर जाना बड़ी लापरवाही के संकेत हैं।