चाकू मारकर मां-बेटे से 1.35 लाख रुपये लूटे
संवाद सहयोगी, पुरवा : लुटेरों पर पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है। मंगलवार सुबह पुरवा कोतवाली क्षेत्र म
संवाद सहयोगी, पुरवा : लुटेरों पर पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है। मंगलवार सुबह पुरवा कोतवाली क्षेत्र में लुटेरों ने बैंक से रुपये निकालकर लौट रहे मां-बेटे से 1.25 लाख की नकदी लूट ली। विरोध करने पर बेटे को चाकू मारकर घायल कर दिया। कंट्रोल रूम से संदेश मिलने पर 100 नंबर वाहन से पहुंचे पुलिस कर्मियों ने युवक को सीएचसी पहुंचाया। एएसपी, ने मौके पर जांच के बाद वाहन चे¨कग के निर्देश दिए। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में सघन चे¨कग हुई पर लुटेरे नहीं मिल सके।
कोतवाली के बैगांव निवासी नीरज मंगलवार सुबह अपनी मां लीलावती के साथ पुरवा की स्टेट बैंक शाखा नकदी निकालने पहुंचा। बैंक से उसने 1.25 लाख रुपये निकाले। रुपये बैग में रख मां को बाइक पर बिठा घर की ओर निकल पड़ा। उन्नाव मार्ग पर ऊंचगांव के ठाकुर जी महाविद्यालय के निकट पीछे से काली बाइक पर सवार दो लुटेरों ने उसे ओवरटेक कर रोक लिया। दोनों ने रुपयों भरा बैग छीनने का प्रयास किया। जब नीरज ने विरोध किया तो एक लुटेरे ने चाकू निकालकर हमला कर दिया। चाकू नीरज के हाथ में लग गया। इसी बीच दूसरे लुटेरे ने उसके सिर पर वार कर दिया, जिससे वह नीचे गिर गया। बेटे को खून से लथपथ देख मां जब तक चिल्लाने की कोशिश करती लुटेरे बैग छीनकर उन्नाव की ओर भाग निकले। शोर सुन राहगीरों ने 100 नंबर पर सूचना दी। जिस पर पुलिस नीरज को लेकर सीएचसी पहुंची। हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। एएसपी रामकिशुन यादव व सीओ सुशील कुमार ने जांच पड़ताल के बाद नीरज के बयान दर्ज किए हैं।
सीसीटीवी में कैद हुए लुटेरे
घायल नीरज ने पुलिस को बताया कि जिस समय वह बैंक से रुपये निकाल रहा था, दोनों लुटेरे बैंक में ही मौजूद थे। सीओ सुशील कुमार ¨सह व कोतवाली पुलिस ने स्टेट बैंक जाकर सीसीटीवी फुटेज से पीड़ित को लुटेरों की पहचान कराई। फुटेज में देखकर नीरज ने एक लुटेरे की पहचान की है। पुलिस ने फुटेज के माध्यम से आरोपी को तलाशने की मशक्कत शुरू की है।
बेटी की गोदभराई को निकाला था धन
नीरज की मां लीलावती ने बताया कि उसकी बेटी मोनिका की 5 अप्रैल को गोदभराई है। जिसके लिए वह बेटे के साथ धन निकालने के लिए स्टेट बैंक पुरवा गयी थी। बताया कि एक लाख रुपये विड्राल से निकाला था। जबकि 25 हजार रुपये वह घर से बच्चे की फीस जमा करने के लिए लाई थी।