सूखी नहर देख सूखते रहे खेत
संवाद सूत्र, असोहा: सपा सरकार ने ¨सचाई जरूर मुफ्त कर दी पर खेत सींचने के लिए नहरों में पानी दिया ही
संवाद सूत्र, असोहा: सपा सरकार ने ¨सचाई जरूर मुफ्त कर दी पर खेत सींचने के लिए नहरों में पानी दिया ही नहीं। शारदा नहर की आसीवन मौरावां ब्रांच में एक भी दिन पानी नसीब नहीं हुआ, जिससे सौ से ज्यादा गांवों को नलकूपों के भरोसे रहना पड़ा। उस पर कोढ़ में खाज का काम बिजली ने किया। पांच छह घंटे बिजली मिली भी तो ट्यूबवेल दगा दे गए। असोहा ब्लाक के 28 नलकूपों में एक-दो को छोड़ कर बाकी खराब पड़े हैं। ऐसे में किसानों को निजी साधनों से ¨सचाई का बंदोबस्त करना पड़ा।
धान व गेहूं उत्पादक क्षेत्र वाले ब्लाक में ¨सचाई का प्रमुख साधन नहर और नलकूप हैं। यहां से निकली शारदा नहर की असीवन-मौरांवा ब्रांच नहर क्षेत्र के ¨सचाई का प्रमुख साधन है लेकिन पांच सालों से इस नहर मे पानी नहीं आया। इससे किसानों को ¨सचाई के लिए निजी साधनों का सहारा लेना पड़ा। नहर के बाद क्षेत्र की ¨सचाई का प्रमुख साधन क्षेत्र मे लगे 28 नलकूप हैं लेकिन एक-दो नलकूपों को छोड़कर वह भी वर्षों से बंद पड़े हैं। जिले के नोडल अधिकारी धीरज साहू ने निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी, इसके बाद भी आज तक नही चालू हो सके। क्षेत्र की ध्वस्त ¨सचाई व्यवस्था व नहरों मे पानी न आने की शिकायत समाजसेवी ओमप्रकाश ¨सह ने पीएम और सीएम को पत्र भेजकर की थी। जिसके बाद पीएमओ आफिस से जवाब भी मांगा गया था लेकिन एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी नहरों में न पानी आया और न ही नलकूपों को सही कराया जा सका। असोहा ब्लाक में नलकूप ¨सचाई सुविधा के लिए लगाए लगाये गए थे लेकिन वह भी दुर्दशा का शिकार हैं। कहीं मोटर खराब है तो कहीं बिजली ही नही पहुंच रही है। जोरावरगंज और चंदनखेड़ा मे तो कई सालों से सफाई तक न होने से नलकूपों तक जाने को रास्ता भी नही बचा है। क्षेत्र के सतीश अग्निहोत्री, ललित, सुरेन्द्र, प्रियांशु, महेश, दिलीप, धनंजय, दीपक, गुड्डू, निखिल, पुनीत आदि ने बताया कि नलकूपों वर्षों से बंद पड़े हैं। बिजली भी समय से नहीं आती और मोटर फुंक गई हैं।
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नहर से ¨सचित गांव
जोगासराय, कांथा, नर¨सहपुर, तेजीखेड़ा, महीपतखेड़ा, सहरावां, बीकामऊ, शिव¨सहखेड़ा, गुरुबक्श खेड़ा, लालाखेड़ा, शाहाबाद ग्रांट, गोसाईखेड़ा, दरसवां, दऊ, असावर, उमेदखेड़ा, उतेदखेड़ा, शाहपुर, बरौली, मुबारकपुर, जोरावरगंज, पिपरी, सरवन, तिरपालखेड़ा, मलिहागाढ़ा, सरवारा, भटपुरा, असोहा, चंदनखेड़ा, पाठकपुर, समाधा, सेरवईया की 10 हजार बीघा जमीन की ¨सचाई नहर से की जाती है।