पनपता रहा आक्रोश और पुलिस को भनक नहीं
जागरण संवाददाता, उन्नाव: विधानसभा चुनाव को लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जब निर्विघ्न चुनाव कराने की कवाय
जागरण संवाददाता, उन्नाव: विधानसभा चुनाव को लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जब निर्विघ्न चुनाव कराने की कवायद में लगा है तब बीघापुर में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ हो रहा। थाने से महज एक किमी की परिधि में एक ही स्थान पर सैकड़ों की भीड़ आस्था से जुड़े मसले पर घंटों हंगामा करती है। और पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगती है। नींद टूटी तो पुलिस ने आस्था पर चोट होने का कथित तौर विरोध करने वाले 12 लोगों को नामजद और ढाई सौ अज्ञात लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली। इतना ही नहीं अपने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं दी। थाने में बीघापुर कार्यालय संचालित है इसके बाद भी इस तरह का मामला पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
बीघापुर थाना और सीओ आफिस की नाक के नीचे स्थानीय कस्बे में शनिवार को कुछ ऐसा ही घटनाक्रम हुआ। यहां पर स्थित पौराणिक संदोही देवी मंदिर के ठीक सामने नागेश्वर रोड के किनारे की अब तक सार्वजनिक और धार्मिक हित में उपयोग की जा रही उस भूमि पर कुछ लोगों ने निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया था जिसका दीवानी वाद न्यायालय में लंबित है। कस्बेवासी बताते हैं कि उन्होंने इसे रुकवाए जाने के लिए न्यायालय में लंबित चल रहे वाद का हवाला देकर कई बार डीएम, एसडीएम और एसपी को प्रार्थनापत्र दिया था। बीते शनिवार को नींव भराई का कार्य किया जा रहा था तो यहां पर कुछ ही देर में करीब चार-पांच सौ की भीड़ एकत्रित हो गई। प्रशासन के रवैये से नाराज उग्र भीड़ ने यहां काम रुकवाकर श्रमिकों को भगा दिया था। बाद में भूमि क्रेता के प्रार्थनापत्र पर पुलिस ने बारह लोगों को नामित और ढाई सौ अज्ञात के नाम रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। सवाल यह है कि एक ओर तहसील प्रशासन विधानसभा चुनाव को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैठकें, शांतिमार्च आदि कर रहा है और स्वयं सतर्क रहने का संदेश दे रहा है वहीं थाने से मात्र एक किलोमीटर परिधि में ही आमजन के विरोध के बाद भी पुलिस को भनक तक नहीं लगती। घटनाक्रम दिन के दो बजे के करीब का था। यह भी कहा जा रहा है कि घटना के समय सीओ का कार्यलय खुला था। इससे भी ज्यादा गंभीर तो यह है कि शनिवार को घटित इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट भी उसी दिन लिखी गई, लेकिन जब सोमवार को एसपी से इस संबंध में जागरण ने बात की तो उन्होंने स्वयं को इससे अनजान बताया। ऐसे में सवाल यह है कि क्या थाना प्रभारी ने क्षेत्राधिकारी को भी इस मामले से अनजान रखा और जीडी भी छुपा ली। यदि ऐसा नहीं है तो क्या पुलिस के आला अधिकारी अपराधिक घटनाओं और शांति व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से थानेदारों पर ही निर्भर हैं। इस तरह के तमाम सवाल इस समय कस्बे में आमजन द्वारा किए जा रहे हैं। वे इस सवालों को उठाने के बाद पूरे मामले में प्रशासन की मिलीभगत की बात कह रहे हैं।
नगर पंचायत ने स्थगित किया गया नक्शा
संदोही देवी मंदिर के सामने की भूमि की बिक्री के मामले को न्यायालय में चुनौती देने वाले पंकज ¨सह ने बताया कि मंगलवार को उक्त भूमि पर निर्माण कार्य हेतु नक्शा पास करने वाली नगर पंचायत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय से अग्रिम आदेश मिलने तक नक्शा स्थगित कर दिया है। नपं ने उक्त आदेश सभी क्रेताओं को भेजा है।