Move to Jagran APP

अब रोडवेज भी कैशलेस की राह पर

उन्नाव, जागरण संवाददाता : नोट बंदी के बाद कैश की किल्लत हुई तो रेलवे ने टिकट बु¨कग के लिए ई-पेमेंट क

By Edited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 01:00 AM (IST)
अब रोडवेज भी कैशलेस की राह पर

उन्नाव, जागरण संवाददाता : नोट बंदी के बाद कैश की किल्लत हुई तो रेलवे ने टिकट बु¨कग के लिए ई-पेमेंट के लिए स्वैप मशीन को अपनाया तो रोडवेज भी उसी की राह पकड़ने वाला है। फुटकर की समस्या से दो-चार हो रहे रोडवेज ने परिचालकों को थमाई गई ईटीएम में ही कार्ड स्वैप का आप्शन देने वाला है। ये सुविधा होने पर टिकट बु¨कग के साथ यात्री के कार्ड से उसकी कीमत डेबिट हो जाएगी। 'डिजीटल' भुगतान से यात्रियों को भी फुटकर न होने की सूरत में दो-चार रुपये छोड़ने नहीं होंगे, जितने का टिकट उतने का ही भुगतान।

loksabha election banner

1000 और 500 रुपये के नोट के चलन से बाहर होने के बाद परिवहन सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा था। कारण परिवहन विभाग यात्रियों को फुटकर देते-देते 'कंगाल' हो गया था। नौबत यह थी कि बसों की संख्या को कम करना पड़ गया। बस यात्रियों से किराये में फुटकर पैसों का सहयोग मांगा जा रहा था। कारण चार कदम की दूरी के लिए यात्री की जेब से 2000 या 500 रुपये का नोट निकल रहा था। फुटकर न होने की बात करते ही बस परिचालक से वह लड़ने को तैयार हो जाते थे। बात बनी तो ठीक नहीं तो यात्री को बीच सफर में ही उतारना चालक-परिचालक की मजबूरी हो रहे थे। कैश की समस्या से निपटने के लिए उप्र परिवहन निगम ईटीएम में ही स्वैप मशीन को जोड़ने की योजना बनाई है। जिसे वह माह के अंतिम सप्ताह में लागू करने के प्रयास में है। यह सेवा ग्रामीण और शहरी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को मिलेगी। परिवहन विभाग चलती बस में स्वैप मशीन की सेवा के साथ-साथ बस स्टैंड के टिकट बु¨कग काउंटर से भी इसे जोड़ेगा।

एक-एक पैसे का होगा हिसाब : कार्ड द्वारा ई-पेमेंट पाने का तरीका समझने के लिए परिचालक को विभागीय अधिकारी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सुविधा शुरू होने के बाद बस परिचालक का काम पारदर्शी होगा। एक-दो रुपये के सिक्के न होने की बात पर जहां यात्री पैसे को सफर खत्म होने के बाद छोड़ देते थे, अब उसका भी हिसाब-किताब होगा। इसके अलावा यात्रा टिकट को लेकर परिचालक का कई जगहों पर मैनुअल तरीका भी खत्म हो जाएगा।

कम होगा काम का लोड : ईटीएम आने के बाद बस परिचालकों का काफी काम कम हो गया था, पहले टिकट बन जाने के बाद वे-बिल बनाने में उनको माथापच्ची करनी होती थी। ईटीएम का इस्तेमाल शुरू होने पर परिचालकों को काफी राहत मिली हालांकि कैश का हिसाब रखने की मशक्कत और फिर उसको डिपाजिट करने का झंझट तो अभी है। ई-पेमेंट की सहूलियत होने पर टिकट बिक्री कैशलेस हो जाने पर उनको उससे भी निजात मिल जाएगी। यात्रा पूरी होने पर उनको बस ईटीएम ही जमा भर करनी होगी।

'कोशिश है कि स्वैप मशीन का ऑप्शन ईटीएम में ही दिया जाए। इसे जल्द ही लागू किए जाने की तैयारी है।' - गौरव वर्मा, एआरएम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.