ओवरलोड यमदूतों से होती करोड़ों की वसूली
उन्नाव, जागरण संवाददाता : शासन के सख्ती के बाद भी ओवरलो¨डग पर नकेल नहीं लग पा रही। जिन पर लगाम लगाने
उन्नाव, जागरण संवाददाता : शासन के सख्ती के बाद भी ओवरलो¨डग पर नकेल नहीं लग पा रही। जिन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी है वह खुद कमाई के फेर में लोगों की जान का सौदा कर रहे है। पेशगी देने के बाद ओवरलोड वाहन हाईवे पर ही नहीं शहर के भीतर तक बेखौफ दौड़ते। भुगतते हैं बेकसूर जो उनके चक्कों के नीचे आकर जान गंवाते। मंगलवार को जागरण टीम वसूली की जिस हकीकत से रूबरू हुई वह चौंकाने वाली है। ओवरलो¨डग के एवज में प्रति माह वाहनों से करीब तीन करोड़ रुपये वसूले जाते। बिचौलियों के जरिए पहुंचने वाली रकम का बंटवारा विभागीय अधिकारी से नीचे तक के कर्मचारियों में होता। पेशगी न देने वाले खाली गाड़ी तक सड़क पर नहीं ले जा सकते।
ओवरलोड वाहनों को शहर में घुसने से रोकने की जिम्मदारी यातायात प्रभारी की है। बावजूद इसके वाहन शहर में घुसते हैं। सोमवार को ही शहर के मोहल्ला पीतांबर नगर में तीन साल के मासूम आयुष ओवरलोड ट्रक की चपेट में आ गया। कानपुर देहात नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर के ट्रक में करीब 70 टन गिट्टी लदी थी। ओवरलो¨डग के बाद भी यह ट्रक शहर में कैसे दाखिल हुआ यह जांच का विषय है। बता दें कि सोमवार सुबह हुआ हादसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी कई लोग ओवरलोड वाहन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। लोगों का कहना है कि जब तक जिले के हाकिम इस मामले पर गंभीर नहीं होंगे इसी तरह लोगों की जाने जाती रहेंगी।
क्या है मानक और कैसे होती वसूली : ट्रक या डंपर में 15 टन गिट्टी व 9 टन मौरंग लो¨डग का मानक है जो कि कागजों तक ही सीमित है। मानकों को दरकिनार कर वाहनों में 70-से 80 टन गिट्टी व 13-14 सौ फिट करीब 50 से 60 टन मौरंग की लो¨डग होती। इसके लिए वाहन स्वामियों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ वाहन स्वामियों ने बताया कि हर महीने जिले की सीमा से करीब पांच हजार ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। प्रत्येक वाहन से करीब 6000 रुपये की वसूली होती। इस हिसाब से करीब तीन करोड़ रुपये प्रति माह वसूला जाता है। अपना दामन साफ-सुथरा रखने के लिए विभागीय अधिकारी सीधे यह वसूली न कर बिचौलियों को माध्यम बनाए हैं। हर जगह पर इनके बिचौलिये तैनात रहकर गाड़ियों की लिस्ट बनाते है। जिन वाहनों ने वसूली का रुपया देने से इंकार किया उन्हें सड़क से निकलना दूभर कर दिया जाता है।
सीबीआई की सख्ती फिर भी धड़ल्ले से लोड हो रही मौरंग : अवैध खनन को लेकर हो रही सीबीआई जांच के बाद भी ट्रक और डंपरों से मौरंग मिट्टी, बालू ढोई जा रही है। इतना ही नहीं वाहन ओवरलो¨डग कर शहर के बीच से नियमों की धज्जियां उड़ाकर निकल रहे है। मंगलवार को एक ओवरलोड मौरंग भरे ट्रक को कैमरे में कैद किया गया। यह ट्रक हरदोई ओवरब्रिज से नीचे उतरकर हरदोई की ओर जा रहा था। यह ट्रक उस समय गुजरा जब शास्त्री पार्क पर यातायात कर्मियों का जमघट लगा था। कर्मियों ने ट्रक को इस तरह नजरअंदाज किया कि जैसे वह उनके सामने से गुजरा ही न हो। यातायात प्रभारी जेएन ¨सह मामले से अंजान रहे।
विभागीय अधिकारियों ने कर दिया कंगाल : वाहन स्वामियों का कहना है कि लाखों रुपये लगाकर वाहन खरीदा। इसलिए नहीं कि कंगाल हो जाएं। पिछले वर्ष महज एक हजार रुपये वसूला जाता था। अचानक इसे छह गुना कर दिया गया है। वाहन की कमाई से जो धनराशि बचती थी अब वह अधिकारियों की झोली में जा रही है। वाहन स्वामी बोले कि उन्हें ओवरलो¨डग का कोई शौक नहीं है। अधिकारियों की भूख मिटाने के लिए उन्हें मजबूरन यह करना पड़ रहा है।
यह कैसी नो इंट्री : सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक शहर में नो इंट्री रहती है जो हरदोई ओवरब्रिज से अचलगंज तिराहे तक है। लखनऊ या कानपुर से हरदोई जाने वाले वाहनों को ओवरब्रिज से निकाला जाता है। मालूम हो कि लखनऊ बाईपास से मोतीनगर तक का इलाका घनी आबादी वाला है। अधिकतर मकान सड़क के किनारे ही हैं। सड़क से अक्सर स्कूली बच्चों को आना जाना रहता है। इन हालातों में भारी वाहनों का प्रवेश लोगों की जान का दुश्मन बनता है। जिसके चलते सोमवार सुबह एक बच्चे की जान चली गई।
चलेगा 15 दिन अभियान : यातायात प्रभारी जेएन ¨सह कहते हैं कि शहर के अंदर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए पंद्रह दिनों का अभियान चलाया जाएगा। इसमें जो भी वाहन पकड़े जाएंगे उनका चालान किया जायेगा।
पहले भी ओवरलोड वाहन ले चुके जान
- 11 सितंबर को बिहार थाना से चंद कदम पहले ओवरलोड गिट्टी भरे डंपर ने ली थी किसान की जान।
- 28 अक्टूबर को ओवरब्रिज पर ब्रेक फेल होने से गिट्टी लदा डंपर पीछे की ओर दुकान में घुसा, बाल-बाल बचे थे लोग।
- करीब पांच माह पहले गांधी नगर तिराहे के पास डंपर की टक्कर से हुई थी स्कूटी सवार महिला की मौत
- छह माह पहले शहर के बाबूगंज मोहल्ला के सामने ट्रक ने महिला को रौंदा।
- सात माह पहले ललऊखेड़ा गांव के सामने ट्रक ने बाइक सवार दूधिए को रौंदा।