और गर्द में गुम हुए अरमान
उन्नाव, जागरण संवाददाता : करीब छह पीढि़यों के तमाम सपने यहां परवान चढ़े तो जवान होती पीढ़ी ने भी बेह
उन्नाव, जागरण संवाददाता : करीब छह पीढि़यों के तमाम सपने यहां परवान चढ़े तो जवान होती पीढ़ी ने भी बेहतर भविष्य के अरमान पाल रखे थे। वह सब पोकलैंड की एक चोट पर गर्द में गुम हो गए तो यादें मलबे में दफन। सोमवार रात आए तूफान के बाद कल रात बिजली मिली तो शहर गहरी नींद सोया था। गुरुवार सुबह जब आंख खुली तो शहर के मुख्य बाजार का नजारा ही बदला पाया। प्रशासन जेसीबी और पोकलैंड लेकर भारी पुलिस बल के साथ अताउल्ला नाले से छोटा चौराहा के बीच का भाग अपने घेरे में ले चुका था। बड़ी बड़ी मशीनों को एक इशारे का इंतजार था। सुबह लगभग पौने सात बजे डीएम का निर्देश मिलते ही दोनों छोर पर खड़ी मशीनों ने ऊंची-ऊंची इमारतों को तोड़ना शुरू कर दिया।
जो भी अपने मकान को टूटता देख रहा था उसके आंसू थम नहीं रहे थे। एक ओर नाले से लेकर छोटा चौराहे तक निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई तो दूसरी तरफ यह नजारा देखने वाले सैकड़ों लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। पहले से तय वक्त गुरुवार सुबह छह बजे से ही इमारतों को तोड़ा जाना था। इसे लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां कर रखी थीं। एक दिन पहले रात को ही प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक जेसीबी व पोकलैंड मशीनों को तैयार कर रखा था। सुबह करीब पांच बजे से अधिकारियों व भारी पुलिस फोर्स का जमावड़ा मौके पर लग चुका था। प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में जायजा लेने के लिए डीएम सौम्या अग्रवाल भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने अभियान चलाने के निर्देश देने से पहले स्थित का जायजा लिया इसके बाद उन्होंने एनाउंसमेंट कर लोगों को घर खाली करने की चेतावनी दिलवाई। सुबह सात बजे दोनों छोर पर स्थित जेसीबी ने भवनों को गिराना शुरू कर दिया।
..और नम हो गईं आंखें
जेसीबी ने जैसे ही नाले की ओर से एक मकान के निर्माण को गिराना शुरू किया तो यह ²श्य देख कर मकान मालिक की आंखें नम हो गईं। मकानों के साथ करीब डेढ़ सौ वर्ष पुरानी यादों के जुड़ा होने के कारण यहां रहने वाला कोई भी शख्स अपने मकानों को यूं धराशायी होता नहीं देख पा रहा था। इनमें से कुछ ऐसे निर्माण थे, जो हाल ही में कराए गए थे। सुबह के वक्त अपने घरों से कूच करने वाली महिलाएं व बच्चों की आंखों में भी घर छिन जाने का दुख साफ झलक रहा था। इमारतों की ओर बढ़ रही जेसीबी का विरोध कर पाने की किसी की हिम्मत नहीं थी पर भवन मालिकों को देख ऐसा लगा कि यदि उन्हें जरा सी भी उम्मीद अपने आशियाने के बचने की हो तो तो विरोध में पूरा जोर लगा देते। वहीं, दूसरी तरफ कई थानों से भारी पुलिस फोर्स दोनों ओर लगी बैरिके¨टग पर सुरक्षा घेरा बनाए खड़ा रहा।
सामान सुरक्षित करने को जाग कर काटी रात
अभियान चलने की सूचना पहले ही लोगों को मिल चुकी थी। घरों में रखा सामान सुरक्षित करने के लिए भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रात भर लोग घरों से सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाते रहे। वहीं, इस रूट पर कई स्थानों पर रात के वक्त भी लोगों को झुंड लगाकर आपस में इस समस्या पर चर्चा करते सुना गया।