बेकाबू हुआ डायरिया, नए रोगी बढ़े
सुमेरपुर संवाद सूत्र : तहसील बीघापुर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुमरेपुर के गांव लाला खेड़ा मजरे
सुमेरपुर संवाद सूत्र : तहसील बीघापुर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुमरेपुर के गांव लाला खेड़ा मजरे सिरियापुर में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी एक दर्जन नए रोगी उल्टी दस्त की चपेट में आए। डाक्टरों की टीम दूसरे दिन भी गांव पहुंची और रोगियों को दवा देकर वापस लौट गयी। आलम यह था जिन लोगों को ग्लूकोज की बोतल लगी थी, उनके वीगो बंद करने के लिए एक युवक को जिम्मेदारी सौप दी गई। कुछ रोगियों के रक्त के नमूने भी लिए गए। एपेडमिक टीम दूसरे दिन भी गांव नहीं पहुंची इससे डायरिया को फैलने से रोकने का कोई प्रबंध नहीं हो सका। नालियों में दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया जिस हैंडपंप का पानी दूषित होने से डायरिया फैलने की आशंका जताई जा रही है उसके पानी की भी टे¨स्टग नहीं कराई गई। यह अनदेखी तब है जब डायरिया एक वृद्धा और एक बालिका की जान ले चुका है।
गांव में कई दिनों से डायरिया फैला है। घर-घर डायरिया के मरीज हैं। इनमें तमाम रायबरेली के अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। डायरिया फैले होने और दो लोगों की मौत हो जाने के बाद रविवार को सुमेरपुर अस्पताल के डाक्टरों की टीम गांव पहुंची थी जो रोगी मिले उनका उपचार कर वापस लौट आयी। सोमवार को भी एक दर्जन नए रोगी डायरिया की चपेट में आ गए इससे डायरिया पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़कर लगभग 80 पहुंच गई है। नए डायरिया रोगियों में राम प्रसाद, सचिन, अंशिका एवं मृत प्रियांशी का भाई देवराज आदि हैं। गांव पहुंची स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने ग्लूकोज चढ़ाकर उपचार किया। कृष्णवती, वीरेंद्र, गुड़िया, खुशी, मोनी, पायल व पलक भी डायरिया के चपेट में हैं। ग्रामीणों ने बताया डायरिया के साथ ही बुखार ने भी पांव पसार दिया है। एक दर्जन ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं। डाक्टरों ने उनके रक्त का नमूना लेकर परीक्षण को भेजा है।
प्रतिरक्षण अधिकारी ने किया उपचार
डायरिया के प्रकोप से ग्रसित गांव लालाखेड़ा में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की जो टीम पहुंची उसमें डाक्टर और फार्मासिस्ट नहीं सुमेरपुर स्वास्थ्य केंद्र के प्रतिरक्षण अधिकारी ही शामिल रहे। प्रतिरक्षण अधिकारी शिवराम के नेतृत्व में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 13 बुखार पीड़ित रोगियो के खून के नमूने लिए। उल्टी, दस्त के 23 मरीजों का इलाज किया। ग्रामीणों को सलाह दी जो नए रोगी हों उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए और पानी उबाल कर पिए।
शुद्ध पानी की मांग
ग्राम लालाखेड़ा व सीरियापुर के लोगों ने जिला अधिकारी से मांग किया कि गांव के पानी कि जांच करा कर पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए। प्रधान राम प्रसाद लोधी, जीत बहादुर, सोनू ,एवं राम नरेश ने कहा कि गांव लोन नदी के किनारे स्थित होने के कारण पानी खरा व फ्लोराइड युक्त है। इस कारण गांव को ग्राम बजौरा कि पानी टंकी से जोड़ा गया था। पर इससे पानी कि आपूर्ति नहीं की जा रही है। मजबूरी में विषाक्त पानी पीना पड़ रहा है। प्रधान ने कहा कि हैंडपंप का दूषित पानी पीने के कारण डायरिया फैला है इसकी पुष्टि डाक्टरों ने की थी उसके बाद भी अभी तक पानी की टे¨स्टग कराने की जहमत जल निगम या ब्लाक के अधिकारियों ने नहीं उठाई है।