गर्भवतियों को भी लगानी पड़ती दौड़
उन्नाव: जननी सुरक्षा योजना में गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव
उन्नाव: जननी सुरक्षा योजना में गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पूर्व सभी जांच और प्रसव तक की सुविधा मुफ्त दी गई है। नवाबगंज, हसनगंज और बांगरमऊ में सीजर आपरेशन की भी सुविधा दे रखी गयी है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सीजर की कौन कहे दिन में दो बजे के बाद महिला डाक्टर ही नहीं मिलती। कुछ अस्पतालों में स्टाफ नर्स और एएनएम पुरुष डाक्टरों की देख रेख में करा देती हैं और रात में तो अक्सर प्रसव के लिए आने वाली गर्भवतियों को कभी खून की कमी तो कभी अन्य कारण बता जिला महिला अस्पताल रिफर कर दिया जाता है।
सीएमएस ने सुनाई पीड़ा
सीएमएस डॉ. सुशील प्रकाश चौधरी ने सीएमओ को पत्र लिखकर पीड़ सुनाई हैं। उन्होंने पत्र में साफ कहा कि है कि जिन बीमारियों का सीएचसी व पीएचसी पर आसानी से इलाज हो सकता है उन्हें भी रिफर कर अस्पताल भेजा जा रहा। जिन क्षेत्रों में सीएचसी व पीएचसी हैं वहां से डायरिया और वायरल बुखार के रोगी भी जिला अस्पताल आ रहे हैं। रोगियों के तीमारदारों की शिकायत होती है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं कहकर जिला अस्पताल जाने की सलाह देकर भेजा जाता है। सीएमएस ने कहा है कि इससे जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बेड कम पड़ जाने से दुर्घटना के घायलों और गंभीर रोगियों को समस्या का सामना करना पड़ता है।
=====================
सभी सीएचसी और पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जिन रोगों का उपचार हो सकता है उन्हें भर्ती कर उपचारित करें। डायरिया और वायरल बुखार जैसे रोगों से ग्रसित सामान्य रोगों से पीड़ित रोगियों को वहीं पर भर्ती कर इलाज किया जाए। अगर कहीं डाक्टर नहीं मिले या भर्ती नहीं करते हैं तो मुझे लिखित सूचना दें, डाक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. बीएस श्रीवास्तव, सीएमओ