प्रदेश के जनप्रतिनिधि किसान समस्याओं के प्रति उदासीन
बीघापुर, संवाद सहयोगी: उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधि गांव में रहने वाले किसानों व गरीबों के प्रति पूरी
बीघापुर, संवाद सहयोगी: उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधि गांव में रहने वाले किसानों व गरीबों के प्रति पूरी तरह उदासीन हैं। यहां के गांवों की समस्याओं से जब रूबरू हुआ तो ऐसा लगा इनके लिए न तो केंद्र में सरकार है न प्रदेश में। अखबारो में इनकी समस्याओं की खबरें तक नहीं होती।
यह बात जय किसान आंदोलन के मुखिया और आम आदमी पार्टी से बगावत कर बाहर हुए योगेंद्र यादव ने प्रेसवार्ता में कही। किसान संवेदना यात्रा के साथ यहां के पाही हरदो गांव पहुंचे श्री यादव ने कहा कि पूरे देश का 40 प्रतिशत सूखा केवल उप्र में है। इसके बाद भी यह आपदा किसी सरकार को दिखाई नहीं दे रही। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि में काम किया परंतु किसी भी राज्य की सरकार और नेता इतने निष्ठुर नहीं हैं। जय किसान आन्दोलन के उद्देश्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से किसानों की राष्ट्रीय शक्ति को ऊपर उठाना है। उन्होंने कहा कि किसानों की इन सभी समस्याओं को आज ही चिट्ठी लिखकर उप्र सरकार और प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे। प्रदेश की राजनीति में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पूरे देश के किसानों की समस्याओ को आंदोलन का रूप देकर संघर्ष करने के लिए निकले हैं। यदि समय की मांग हुई तो संगठन को देशस्तर पर खड़ा करेंगे। उनके साथ कोलकाता से अविक साहा, महाराष्ट्र से प्रत्यूष, बिहार से आमोल, उप्र से अर्चना श्रीवास्तव व अनमोल आदि मौजूद रहे।
किसानों का जाना हाल
किसान आंदोलन के मुखिया योगेंद्र यादव ने हरदो गांव में किसानों से उनका हाल पूछा। उन्होंने फसलों की ¨सचाई के लिए पानी व बिजली की उपलब्धता पेयजल की हकीकत जानी। सूखा व अतिवर्षा से हुए नुकसान व मुआवजे की जानकारी हासिल की तथा मनरेगा के तहत रोजगार व सरकारी दरों पर राशन मिलता है या नहीं, इसके लिए विस्तार से चर्चा की।