पढ़ाई का नाम, बच्चे कर रहे काम
रजनीकांत गुप्ता, नवाबगंज: प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई को लेकर शासन व शिक्षा विभाग कवायद में जुटे हैं
रजनीकांत गुप्ता, नवाबगंज: प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई को लेकर शासन व शिक्षा विभाग कवायद में जुटे हैं पर शायद शिक्षक इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों को इस उम्मीद से स्कूल भेजते हैं कि वह पढ़ लिखकर अपना भविष्य बनाएंगे पर उन्हें यह नहीं पता कि उनके जिगर के टुकड़े किताबों से ज्ञान अर्जित करने के स्थान पर स्कूल परिसर में फावड़ा व खुरपी चला रहे हैं।
दैनिक जागरण ने नवाबगंज के प्राथमिक विद्यालय सेरसा पहुंचकर इस हकीकत को अपने कैमरे में कैद कर लिया। स्कूल में नौनिहाल शिक्षक के आदेश का पालन करते हुए जोखिम भरे काम करते दिखे। छात्र विद्यालय परिसर के खरपतवार में आग लगा उसके नष्ट कर रहे थे तो कुछ खुरपी से विद्यालय की घास साफ कर रहे थे। एक छात्र फावड़े से विद्यालय की भूमि बराबर कर रहा था। छात्र राजू पढ़ने के लिए कापी व किताब लेकर आया था पर शिक्षक ने घास खोदने के लिए उसे खुरपी पकड़ा दी। वहीं छात्र सूरज फावड़े से जमीन खोद रहा था। यूं तो प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए कई कमरे थे लेकिन एक बबूल के पेड़ के नीचे बिना शिक्षक के बच्चे बैठे नजर आए। विद्यालय के शौचालय के आसपास जंगल सा खड़ा था और शौचालय इतना गंदा था कि वहां जाना तक मुश्किल था। स्कूल में विकलांग बच्चों के चढ़ने उतरने के लिए बनाया गया रोपवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त था। इस विद्यालय में मिड डे मील ईटों से बने चूल्हे में लकड़ियों के सहारे बनता मिला। जानकारी करने पर बताया गया कि दो वर्ष पहले स्कूल में चोरी हुई थी जिसमें गैस सिलेण्डर और रसोई का सामान चोरी हो गया था। जिसके बाद व्यवस्था नही हो पायी और कच्चे चूल्हे में ही भोजन पकाया जाता रहा। विद्यालय के शिक्षक शोभनाथ से जब विद्यालय में फैली अव्यवस्था और बच्चों से काम कराने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी विद्यालय सफाई करने ही नहीं आता तो क्या किया जाए। करीब 6 वर्ष पूर्व यहां तीन शिक्षक थे जिसमें से एक निलंबित हो गया था, जिसके बाद से आज तक कोई तैनाती नही की गयी। विद्यालय में दूसरी शिक्षिका मंजेश कुमारी हैं।
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विद्यालय में बच्चों से इस तरह काम नही कराया जा सकता। अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
केके ¨सह, बीएसए