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कमाई की मौज खत्म, आरटीओ का शिकंजा

उन्नाव, जागरण संवाददाता: काफी समय से बेरोकटोक अंदाज में सवारियां भर कर कमाई कर रहे ई रिक्शा चालकों औ

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 08:21 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 08:21 PM (IST)
कमाई की मौज खत्म, आरटीओ का शिकंजा

उन्नाव, जागरण संवाददाता: काफी समय से बेरोकटोक अंदाज में सवारियां भर कर कमाई कर रहे ई रिक्शा चालकों और स्वामियों के लिए एक बुरी खबर है। अब चालकों जब चाहा जैसे चाहा अपना रिक्शा निकाला और शुरू कर दिया सवारियों को ढोने की शैली नहीं चलेगी। बल्कि उन्हें उनपर दूसरे सवारी वाहनों की तरह ही आरटीओ के नियम कानून का शिकंजा कसेगा। इसकी प्रक्रिया भी रिक्शा खरीदने से शुरू होकर उसके चलाने तक निरंतर चलती रहेगी।

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इन दिनों शहर की सड़कों पर बिना यातायात व परिवहन नियमों के फर्राटा भरते और नियमों को धता बंधा सवारियां बैठा कर ई रिक्शा चालकों को कहीं भी देखते होंगे। शायद आप को इस बात की जानकारी न हो कि इन रिक्शों के संचालन पर अब तक आरटीओ का कोई बस था और न ही पालिका में पंजीयन ही आवश्यक था। ऐसे में इन्हें खरीदने वाले बिंदास होकर रिक्शा खरीदने के साथ ही उन्होंने सवारियों की ढुलाई के लिए छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं उसे चलाने वाले हाथ भी प्रशिक्षित हैं या फिर नहीं इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं होती थी। ऐसे में इनकी तादात भी आटो आदि से काफी अधिक होती जा रही थी। इसी को देखते हुए परिवहन आयुक्त ने ई रिक्शा स्वामियों और चालकों पर शिकंजा कस दिया है।

आयुक्त द्वारा 9 जुलाई को जारी किए गए शासनादेश कर उसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

खरीदने के साथ ही कराना होगा पंजीयन

ई रिक्शा स्वामी बनने से पहले इस बात को भी समझना होगा कि अब उन्हें इसका आरटीओ या एआरटीओ कार्यालय में बकायदा एक व्यवसायिक वाहनों के पंजीयन की नियमावली के अनुसार टैक्स जमा कर पंजीयन कराना होगा। इसी के बाद पंजीयन क्रमांक मिलेगा जिसे रिक्शे पर दर्ज करना होगा। तभी वह रिक्शा मार्ग पर चल सकेगा। बिना पंजीयन वाले रिक्शा पर सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। यानी दूसरे वाहनों की तरह ही ई रिक्शा को भी एआरटीओ से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

समय समय पर करानी होगी वाहन की फिटनेस

ई रिक्शा स्वामियों की समस्या पंजीयन और टैक्स जमा करने के बाद खत्म नहीं होती। बल्कि शुरू होती है। पंजीयन के बाद उसे दूसरे सवारी वाहनों की तरह से ही निर्धारित समय में रिक्शा की फिटनेस का प्रमाण पत्र भी एआरटीओ से लेना होगा। इसके लिए उन्हें हर दो वर्ष बाद अपना वाहन लेकर एआरटीओ दफ्तर जाना होगा। जहां वहां पर चल रहे मौजूदा नियमों को पूरा करके अपने वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होगा। बिना फिटनेस के यदि रिक्शा का रोड पर संचालन किया तो उनपर लंबा चौड़ा जुर्माना भी लग सकता है।

सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस धारक ही चला सकेगा रिक्शा

अब तक किसी भी हाथ में रिक्शा देकर उनसे 3 से 4 सौ रुपए प्रतिदिन लेने वाले ई रिक्शा मालिकों की समस्या यहीं पर खत्म नहीं होती। बल्कि शुरू होती हैं। जी हां अब उन्हें रिक्शा चालक के हाथ में देखने से पहले यह भी देखना होगा कि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है या फिर नहीं। बिना लाइसेंस के रिक्शा चलाते पाए जाने पर पुलिस हो या फिर एआरटीओ चालान कर लंबा चौड़ा जुर्माना वसूल करेंगे। लाइसेंस भी आरटीओ के नियमों के तहत ही जारी होगा।

पुराने रिक्शों का भी कराना होगा पंजीयन

नए ई रिक्शों के साथ साथ अब तक बिना पंजीयन के दौड़ने वाले पूर्व में निकले ई रिक्शों को भी अपना पंजीयन एआरटीओ दफ्तर में कराना होगा। इसके लिए कुछ अलग प्रक्रिया रखी गई है। उसके अभिलेख व मानक पूरे करने के बाद ही पंजीयन कर लिया जाएगा।

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शासनादेश जारी हो गया है, अब अब ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा और उनकी फिटनेस भी नियमों के तहत दी जाएगी। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। चालकों के लिए भी लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया गया है। लाइसेंस के लिए निर्धारित प्रारूप व अहर्ता को पूरा करने पर ही लाइसेंस भी जारी किया जाएगा। इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि उन्हें कोई समस्या न हो। - माला बाजपेयी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, उन्नाव


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