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आवारा जानवर बने जान के दुश्मन

शुक्लागंज, संवाद सहयोगी : थानाक्षेत्र के मनसुखखेड़ा मुहल्ले में करीब पांच माह से बनकर तैयार कांजी हाउ

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 06:58 PM (IST)
आवारा जानवर बने जान के दुश्मन

शुक्लागंज, संवाद सहयोगी : थानाक्षेत्र के मनसुखखेड़ा मुहल्ले में करीब पांच माह से बनकर तैयार कांजी हाउस तो तैयार है पर नगर पालिका के पास जानवरों को पकड़ने के लिए टीम नहीं है। जबकि नगर में सड़कों पर घूम रहे आवारा जानवर आए दिन राहगीरों के लिए आफत बन रहे हैं। आवारा जानवरों की चहलकदमी से यातायात भी दम तोड़ रहा है। इसके बाद भी पालिका ने अभी तक जानवरों को कांजी हाउस तक पहुंचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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बता दें नगर में आवारा जानवरों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए पूर्व में चंपापुरवा में भवन के निर्माण को करीब आठ लाख रुपए का टेंडर किया गया था। वर्कआर्डर मिलने के बाद भी ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू करने में देरी करने के कारण बाद में चिन्हित जमीन पर भू माफिया ने कब्जा कर लिया। काफी प्रयासों के बाद जब कांजी हाउस का निर्माण कार्य शुरू किया गया तो चिन्हित स्थान ठेकेदार को नहीं मिला। बाद में स्थान परिवर्तित कर मनसुख खेड़ा में बढ़े हुए इस्टीमेट के साथ निर्माण कार्य शुरू किया गया। करीब दो माह में कांजी हाउस बनकर तैयार भी हो गया पर वर्तमान में उसका कोई उपयोग नहीं किया जा पा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ नगर में आवारा गाय, सांड़, कुत्ते, सुअर व बंदर लोगों की नाक में दम किए हुए हैं। अक्सर राजधानी मार्ग पर बड़ी सींग वाले जानवर वृद्धों को मार कर घायल कर देते हैं। कुत्ते व बंदरों के काटने के केस मिलना भी आम बात हो चुकी है। ऐसे में पालिका की ओर से जानवरों को पकड़ने के लिए की जा रही देरी बड़ी लापरवाही प्रतीत हो रही है। वहीं, पालिका के अनुसार न तो वर्तमान में उनके पास कैटिल कैचिंग दस्ता है और न ही जानवरों को पकड़ने वाला वाहन।

परिसर बना कार खड़ी करने का स्थान

कांजी हाउस भले ही आवारा जानवरों को रखने के लिए बनाया गया हो पर वर्तमान में यहां मुहल्ले में ही रहने वाले किसी व्यक्ति की कार हमेशा खड़ी देखी जाती है। मुहल्ले में रहने वाले लोगों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि कांजी हाउस की चाभी भी मुहल्ले में रहने वाले उसी व्यक्ति के पास रहती है, जो अपना वाहन खड़ा करने के लिए कांजी हाउस का इस्तेमाल कर रहा है।

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'आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दे दिए हैं। पालिका जल्द ही कैटिल कैचिंग वाहन के माध्यम से अभियान को विस्तार रूप से चलाया जाएगा।'

- उमेश कुमार मिश्रा, ईओ नगर पालिका, गंगाघाट


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