'बापू' को निर्वाण दिवस पर मिली उपेक्षा
शुक्लागंज, संवादसूत्र: राष्ट्रपिता के निर्वाण दिवस पर नगर में उनके एक मात्र प्रतीक को भी उपेक्षा का
शुक्लागंज, संवादसूत्र: राष्ट्रपिता के निर्वाण दिवस पर नगर में उनके एक मात्र प्रतीक को भी उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। किसी भी नेता, सामाजसेवी, देश प्रेमी यहां तक कि नगर पालिका को भी उनकी याद नहीं आई। देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले बापू के निर्वाण दिवस पर भी उनके एक मात्र प्रतीक चिह्न पर किसी ने दो पुष्प तक नहीं चढ़ाए।
आज ही के दिन 30 जनवरी 1948 में महात्मा गांधी को नाथू राम गोडसे ने गोरी मार कर देश का बेटा छीन लिया था। जहां जिले में कई जगहों पर राष्ट्रपिता को सामाजिक व राजनैतिक संगठनों ने याद कर पुष्प अर्पण किए, वहीं नगर के मिश्रा कालोनी स्थित गांधी चौक पर आम दिनों की ही तरह बापू की प्रतिमा के चारों ओर सिर्फ गंदगी ही देखने को मिली। मूर्ति के बाहर टेंपो खड़ी थी व रिक्शे वाले आराम फरमा रहे थे। यहां तक पास ही ठेलिया में बेच रहे सामान को लोग सीढि़यों पर बैठे खा रहे थे, जबकि मूर्ति के चारों ओर लगी ग्रिल पर आस पास के रहने वाले लोगों के कपड़े पड़े सूख रहे थे। तमाम कार्यक्रम में सबसे पहले अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले नेताओं को बापू के निर्वाण दिवस पर उनकी याद नहीं आई। न तो किसी ने उनके मूर्ति स्थल की साफ सफाई की और न ही किसी ने दो पुष्प अर्पित कर उनको याद किया।