Move to Jagran APP

दो सदस्यीय समिति करेगी जांच

उन्नाव जागरण संवाददाता : बिसरा के नाम पर मानव अंग के कंकाल बिसरा कक्ष में रखने का मामला प्रदेश शासन

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 11:34 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 11:34 PM (IST)
दो सदस्यीय समिति करेगी जांच

उन्नाव जागरण संवाददाता : बिसरा के नाम पर मानव अंग के कंकाल बिसरा कक्ष में रखने का मामला प्रदेश शासन ने गंभीरता से लिया है। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर देर रात पुलिस उपमहानिरीक्षक भी पुलिस लाइन पहुंच जांच करने में लग गये है। उन्हे 9 ¨बदुओं पर जांच करनी है। जिसमें मानव अंग कब और किस नियम के तहत रखे गये और उन्हे नष्ट क्यों नही किया गया इसका कारण भी पाता लगना है। देर रात डीआईजी, डीएम , एसपी और एडीएम ने संयुक्त वार्ता के बाद कमेटी गठित कर जांच कराने का निर्णय लिया।

loksabha election banner

डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने मामले की छानबीन के बाद कहा कि इसमें चूक तो हुई है। लेकिन वह किसी स्तर से हुई है, जो कंकाल रखे है वह रजिस्टर में दर्ज है या नही जितनी संख्या है उतने ही कंकाल है या नही। इस सब की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें एक मजिस्ट्रेट व एक पुलिस अधिकारी शामिल होगा। जांच अधिकारी अभिलेखों से कंकालों का मिलान करेगे और उनकों नष्ट करने में किस स्तर पर लापरवाही बरती गयी है इसकी जांच कर रिपोर्ट शासन को देगे।

डीआईजी श्री चतुर्वेदी ने कहा जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जायगा। उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा जांच की जा रही है जो भी दोषी पाया जायेगा। उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।

पुलिस अधिकारियों से हुई चूक

मानव अंग के कंकालों के मामलें में इतना तो तय है कि अस्पताल से लेकर पुलिस अधिकारियों तक से बड़ी चूक हुई है। दशकों से मानव अंग के कंकालों का पड़ा रहना अज्ञात मृतकों के साथ अमानवीय कृत्य की श्रेणी में भी आता है। नियमानुसार ऐसे अज्ञात शव जिनमें मौत का कारण स्पष्ट नही है और उनका कोई वारिश सामने नहीं आता है। उनमें जिला मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेकर कंकालों का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। जिन मामलों में अभियोग दर्ज होते है उनमें न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर बिसरा नष्ट करना चाहिए। इन दोनो में से एक भी प्रकिया अनुपालन में न लाकर पुलिस कक्ष में बंद इन मानव अंगों के कंकालों को भुलाए रही। सबसे खास बात यह है कि पुलिस की ही बात सही मान ली जाये तो लगभग 20 वर्ष से कंकालों का यह जखीरा बोरियों में बंद कमरे में कैद है। इस दौरान दर्जनों पुलिस अधिकारियों पुलिस लाइन का निरीक्षण किया है। पुलिस अस्पताल भी पुलिस लाइन में है। फिर उनकी नजर इस कक्ष पर क्यों नही पड़ी।

ऐसे आया मामला सुर्खियों में

पुलिस लाइन स्थित पुलिस अस्पताल के बिसरा कक्ष में मानव अंग के कंकाल बीस वर्षो से जमा है। लेकिन यह मामला कभी सुर्खियों में नहीं आया। प्रतिसार निरीक्षक से लेकर पुलिस कर्मचारी और महिला थाना पुलिस तथा स्वाट टीम का कार्यालय है। लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नही दिया और न ही अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचाया। सूत्रों की माने तो बिसरा कक्ष के निकट ही पीएसी का कैंप है। उन्हें दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं के कुछ जवानों की चर्चा से मामला मीडिया तक पहुंचा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.