अस्पताल से लापता बच्चा बरामद
उन्नाव, जागरण संवाददाता : शनिवार को महिला जिला अस्पताल से मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला का बच्चा लेक
उन्नाव, जागरण संवाददाता : शनिवार को महिला जिला अस्पताल से मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला का बच्चा लेकर गायब हो जाने वाले कथित जालसाज के घर पर पुलिस दस्तक देती इसके पहले ही रविवार को मध्याह्न बाद अस्पताल से बच्चा लेकर गई महिला का पति अपनी साली के साथ बच्चा लेकर कोतवाली पहुंचा। गायब बच्चा मिल जाने से अस्पताल प्रशासन को भी राहत की सांस मिली। बच्चा लेकर कोतवाली पहुंचने वाले अधेड़ का कहना था कि पागल होने के कारण मां बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर पाएगी उसे कहीं सड़क किनारे फेंक देगी यह सोच परवरिश करने के उद्देश्य से उसे ले गया था।
बताते चलें शनिवार को महिला जिला अस्पताल से प्रात: लगभग 8:30 बजे मानसिक रूप से विक्षिप्त एक महिला का नवजात बेटा लेकर सोफिया खातून नाम की महिला और नूर आलम नाम का अधेड़ गायब हो गए थे। इसका खुलासा तब हुआ जब मानसिक रूप से विक्षिप्त पत्नी की तलाश करता हुआ पति पूनम शर्मा अस्पताल पहुंचा। उसने बताया कि बच्चे को जन्म देने वाली महिला उसकी पत्नी सुमन है। जब कि उसके साथ अस्पताल आने वाले युवक ने अपना नाम संजय और विक्षप्त को पत्नी रेनू बताकर भर्ती कराया था। विक्षप्त सुमन का बेटा गायब था इससे हड़कंप मच गया। सीएमएस डॉ. सरोज श्रीवास्तव ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी।
कोतवाली प्रभारी ने मामले की जांच दारोगा एसके ¨सह को दी थी। श्री ¨सह ने अस्पताल पहुंच ड्यूटी पर रही डाक्टर और स्टाफ नर्स व सिस्टर तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ की। इस दौरान भर्ती फाइल पर बच्चा को लेने वाली महिला का नाम सोफिया और बच्चे को इलाज के लिए ले जाने वाले अधेड़ ने अपना नाम नूरआलम लिखाया ईदगाह पत्थर कालोनी दर्ज कराया था। दारोगा ने उक्त मोहल्ले में पहुंच छानबीन की लेकिन बच्चा बरामद करने में कोई सफलता नहीं मिली।
रविवार को ईदगाह निवासी शेख नूरआलम अपनी साली नासिरा पत्नी हसीन निवासिनी कादिरपुर आसीवन के साथ बच्चा लेकर सांय लगभग चार बजे कोतवाली पहुंचा। जहां उसने बच्चे को पुलिस के हवाले कर बताया कि पागल महिला थी सड़क पर प्रसव हुआ था। काफी लोगों की भीड़ लगी थी। भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि पागल मां बच्चे का पालन कैसे कर पाएगी वह इसे कहीं सड़क किनारे डाल देगी ठंड में बच्चा मर सकता है। इससे बच्चे को पालने के लिए ले गया था। शेखनूर आलम ने बताया कि बच्चा काफी कमजोर था डाक्टर ने उसे मशीन पर रखवाने की सलाह दी थी इससे मै बच्चा लेकर कानपुर हैलट गया जहां डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया। फिर उसे लेकर एक कानपुर के एक बड़े नर्सिंग होम गया वहां 20 हजार का खर्च बताया गया। मैं टेल¨रग का काम करता हूं इतना पैसा नहीं था। इससे दुबारा हैलट गया जहां तीन घंटे तक उपचार के बाद बच्चा लेकर देर शाम घर आया। साली नासिरा घर आई थी उसने कहा कि मेरे बच्चे नहीं हैं इसे मुझे दे दो इससे बच्चे को उसे दे दिया क्योंकि मेरे पहले से कई बच्चे हैं।
नूर आलम ने बताया कि सुबह अखबारों में जालसाज बच्चा ले उड़े खबर पढ़ी उधर मोहल्ले के लोगों ने बताया कि कल पुलिस भी आई थी और बच्चे के बारे में पता कर रही थी। बच्चा चुराने या गायब करने जैसी कोई भावना नहीं थी इससे साली को गांव से बुलाकर बच्चे को लेकर स्वयं कोतवाली आ गया। शहर कोतवाल धर्मेंद्र रघुवंशी ने बताया कि कोई दुर्भावना प्रतीत नहीं हो रही मानवता के तहत वह बच्चा लेकर गए थे और स्वयं वापस आ गए इससे कोई अपराध नहीं बन रहा है।
बच्चा पाकर चहक उठे मां-बाप
उन्नाव: प्रसव के बाद से अस्पताल में भर्ती मानसिक विक्षिप्त सुमन के पति पूनम शर्मा को पुलिस ने बच्चा लेने के कोतवाली बुलाया। नवजात बेटे को पाकर उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उसने कहा कि कोई औलाद नहीं वंश चलाने के मानसिक रूप से विक्षिप्त सुमन से दूसरा विवाह किया था। उधर जब बच्चा लेकर वह पत्नी सुमन के पास पहुंचा तो वह भी उसे दुलराने लगी। उस समय यह लग ही नहीं रहा था कि सुमन पागल है।
बड़ा कलंक लगने से बचा
सीएमएस डॉ. सरोज श्रीवास्तव से लेकर नीचे तक के स्वास्थ्य कर्मियों और डाक्टरों का कहना था कि जरा सी चूक के कारण स्वास्थ्य कर्मियों पर कलंक लग रहा था। बच्चा गायब होने को लेकर तरह-तरह आरोप लगाए जा रहे थे लेकिन बच्चा वापस आ जाने से कम से कम कलंक से तो सभी लोग बच गए। यह कहना था कि बच्चा देने आए शेख नूरआलम ने हम बेगुनाह लोगों को क्लीन चिट दे कम से कम कलंक से तो बचा लिया।
पहले भी मिल चुका है लापता बच्चा
लगभग एक वर्ष पूर्व अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव बदरका के एक मजरा की रहने वाली प्रसूता का बच्चा महिला अस्पताल से चोरी चला गया था। लगभग एक सप्ताह बाद पुलिस ने बच्चे को बरामद किया था। लेकिन बच्चा चुरा कर ले जाने वाली महिला का पता नहीं लगा था।