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डायिरया ने ली दो बच्चियों की जान

उन्नाव, जागरण संवाददाता : संक्रामक रोगों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:25 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:25 AM (IST)
डायिरया ने ली दो बच्चियों की जान

उन्नाव, जागरण संवाददाता : संक्रामक रोगों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य प्रशासन अभी तक मौन साधे हैं। तेज और दिमागी बुखार के बाद अब डायरिया से भी मौतों का सिलसिला शुरु हो गया है। जिला अस्पताल में भर्ती बुखार पीड़ित दो बच्चियों की गुरुवार को मौत हो गई। डायरिया मृत बच्चियों में एक सात और दूसरी डेढ़ वर्ष की है।

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डेंगू, वायरल, फीवर, तेज बुखार, मलेरिया का प्रकोप पहले से ही चल रहा है। अब डायरिया और कोल्ड डायरिया ने भी पांव पसार दिए हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से जिला अस्पताल आ रहे रोगी इस बात के गवाह हैं कि संक्रामक रोगों का प्रकोप पूरे जिले में है। इस सब के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इनसे निपटने की अभी तक कोई कार्ययोजना भी नहीं बनाई है। जिले में एक सप्ताह के अंदर अब तक डेंगू से तीन, तेज व दिमागी बुखार से चार मौतें जिला अस्पताल में हो चुकी हैं। गुरुवार को डायरिया ने दो बच्चियों की जान ले ली। शहर के मोहल्ला एबी नगर निवासी सतीश अंशिका 7 वर्ष को बुधवार से उल्टी दस्त हो रहे थे। गुरुवार को सुबह ¨चताजनक हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया दोपहर बाद उसकी मौत हो गई। इसी क्रम में पुरवा कोतवाली के गांव घूरखेत निवासी संजय की डेढ़ वर्षीय बेटी सोनी को दो दिन पूर्व उल्टी दस्त आने शुरु हुए। 28 अक्टूबर को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गुरुवार को प्रात: उसकी मौत हो गई।

गुजरे चौबीस घंटे के अंदर जिला अस्पताल में बुखार के सात और डायरिया के 5 रोगी भर्ती कराए गए हैं। अस्पताल पैथालाजी के आंकड़ों के अनुसार एक सप्ताह के अंदर 1300 रोगियों का रक्त परीक्षण किया गया है। इनमें से 574 रोगी मलेरिया और 400 रोगी टायफाइड बुखार के मिले हैं। ओपीडी में आने वाले रोगियों में अधिकांश सीजनल बीमारियों के हैं। फिजिशियन डॉ. जेपी बाजपेई, डॉ. आशीष सक्सेना ने कहा कि मौसम में परिवर्तन के समय संक्रामक रोगों के वायरस तेजी से फैलते हैं इससे लोगों को बहुत ही सावधान और सजग रहने की आवश्यकता है।

ऐसे करें बचाव

-मच्छरों से हरहाल में बचाव करें।

-सुबह शाम फुल आस्तीन के हल्के गर्म कपड़े पहनें।

-जहां संभव हो पानी उबाल कर पिएं।

-कूलर और एसी न चलाएं।

-फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं।


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