गुजरात के स्क्रैप व्यापारी का अपहरण
उन्नाव, जागरण संवाददाता : आठ दिन पहले व्यापार के सिलसिले में गुजरात के बड़ोदरा से उन्नाव के एक होट
उन्नाव, जागरण संवाददाता : आठ दिन पहले व्यापार के सिलसिले में गुजरात के बड़ोदरा से उन्नाव के एक होटल में ठहरे एक स्क्रैप व्यापारी को 16 अक्टूबर को कानपुर घुमाने के लिए ले गए उसके बर्रा निवासी एक पूर्व परिचित ने रामा देवी चौराहा से तीन अन्य साथियों के साथ अपहरण कर लिया। हाथ पैर और आंख पर पट्टी बांध कर अपहर्ताओं ने उसे जमकर पीटा और फिर कन्नौज ले गए। जहां फोन से उसके भाई व अन्य परिजनों से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। इससे व्यापारी के परिवार में हड़कंप मच गया। अपहर्ताओं की धमकी से डरे व्यापारी के भाई ने अपने कानपुर निवासी दूसरे परिचितों से संपर्क किया। इसबीच काफी उतार चढ़ाव के बाद परिजनों ने अधिकतम 40 लाख रुपए ही जुटा पाने की बात कहीं। अंत में अपहर्ताओं ने इतने ही पौसे लेकर पहुंचाने को कहा। 17 को एक सुनसान इलाके में परिचित मित्र ने अपहर्ताओं को पैसा पहुंचाया। इसके बाद कानपुर से लगभग 30 -40 किमी दूर देर रात अपहर्ताओं ने व्यापारी को छोड़ा। जहां से किसी तरह आटो करके व्यापारी सेंट्रल स्टेशन पहुंचा और किसी तरह अपने दूसरे परिचितों को फोन कर संपर्क किया।
उन्नाव पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार गुजरात के वीआईपी रोड ऋषिकेश सोसाइटी पार्ट टू थाना क्षेत्र कारेलीबाग बड़ोदरा निवासी स्क्रैप व्यापारी शशी अग्रवाल पुत्र सुरेश अग्रवाल बीते 12 अक्टूबर को उन्नाव व्यापार के सिल सिले में आए थे। जहां गदन खेडा निवासी गुड्डू पुत्र शाहिद जो उनके पूर्व परिचित थे उनसे मुलाकात के बाद गदन खेड़ा स्थित विशाल पैलेस होटल में ठहरे थे। बताते हैं कि 16 अक्टूबर को शशि के पास कानपुर बर्रा निवासी उनका परिचित धीरज उनसे मिलने के लिए आया। जहां से वह शशि को अपने साथ कानपुर घुमाने के लिए ले गया। दिनभर घूमने के बाद धीरज शशि को लेकर रामादेवी चौराहा पहुंचा। जहां उसे उसके तीन अन्य साथी मिले। चारों ने मिलकर उसे गाड़ी में डाल लिया और अपने साथ लेकर चल पड़े। शशि के अनुसार बदमाश जब उसकी आंखों में पट्टी बांध रहे थे तो उसकी निगाह म निगाह मील के पत्थर पर पड़ी जिसपर लिखा था कि कन्नौज 88 किमी। इसके बाद बदमाशों ने उसकी आंख पर पट्टी बांधी और जमकर पीटा। इस बीच जब भी उसके मोबाइल फोन पर कोई फोन आता तो बदमाश उसे असलहे लगा सामान्य बात करने पर मजबूर करते रहे।
17 अक्टूबर की सुबह अपहर्ताओं ने उसके घर फोन कर भाई राजेश से 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी।
राजेश ने इतने कम समय में इतनी रकम देने में असमर्थता जतायी। इसपर बदमाशों ने कई चक्रों की बात कर फिरौती की रकम कुछ कम की। इसपर राजेश ने अपने कानपुर यशोदा नगर निवासी व्यापारी मित्र कौशल से संपर्क किया और फिरौती की रकम का प्रबंध करने को कहा। दिनभर की भागदौड़ के बाद उन्होंने 40 लाख रुपए जुटाए और अपहर्ताओं को एकत्र की गई रकम की जानकारी दी। इसके बाद अपहर्ताओं बताए गए ठिकाने पर देर शाम कौशल ने पैसा तो दे दिया लेकिन अपहर्ताओं ने उन्हें अपने चंगुल से मुक्त नहीं किया। उल्टे कहा अभी कुछ समय बाद बताते हैं।
17 अक्टूबर की देर रात अपहर्ताओं ने व्यापारी शशि को किसी सूनसान इलाके में छोड़ा और भाग निकले। इसके बाद शशी काफी दूर तक यहां वहां भटकते हुए किसी आटो रिक्शा तक पहुंचा। शशी के अनुसार उसकी अंदर की जेब में कुछ पैसे बचे थे इसपर उसने आटो चालक को दो सौ रुपए दिए और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचा। कानपुर स्टेशन पहुंचने के बाद शनिवार भोर पहर उसने अपने भाई व उन्नाव निवासी मित्र गुड्डू से फोन पर संपर्क कर खुद के कुशल से लौटने की सूचना दी। इसपर कौशल, गुडडूृ आदि कानपुर पहुंचे और उसकी हालत को देखने के बाद कानपुर के किसी कबीर हास्पिटल में भर्ती कराया। रविवार को उसकी हालत कुछ सामान्य होने के बाद उसके साथियों ने इसकी सूचना उन्नाव पुलिस को दी।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि व्यापारी यहां ठहरा था लेकिन उसके साथ जो घटना हुई वह कानपुर क्षेत्र में आती है। हमारे क्षेत्र से बाहर है।