सनेही की कविताओं को गीत बनाने की जरूरत
अचलगंज, संवाद सूत्र: स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान अपनी लेखनी से राष्ट्र भक्ति की अलख जागने वाले क्रांतिकारी कवि आचार्य गया प्रसाद शुक्ल सनेही की जन्मभूमि पर आयोजित 131वीं जन्मशती समारोह में उन्हें भाव भीनी श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके प्रेरणा दायक कृतित्व व व्यक्तित्व की याद कर उनकी प्रेरणा दायी रचनाओं को वर्तमान समय में भी प्रासंगिक माना और कहा कि आज फिर सनेही की कविताओं को लोगों के जबान पर गीत बनाने की जरूरत है। वही उनकी स्मृति में बने पार्क की बदहाली को दूर कर पुस्कालय वाचनालय एंव बाउड्री वाल बनाने का विधायक ने भरोसा दिलाया।
मुख्य अतिथि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा कि बैसवारा की फिजा में ही क्रांति की ज्वाला जलती है। आजादी पाने का जोश यहां के तत्कालीन साहित्यकारों की लेखनी से जनजागरण कर जो राष्टभक्ति की बयार बहाई वह आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण रही। विधायक ने सनेही पार्क का सुन्दरीकरण कराकर पुस्तकालय भवन बनवाने का वादा किया। श्रद्धाजंलि अर्पित करने वाले अधिकांश वक्ता जो भरा नही हैं भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं वह हृदय नही हैं पत्थर हैं जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं रचना गुनगुना कर सनेही को नमन किया। वक्ताओं में शिवा कान्त शुक्ल, छन्नू लाल त्रिवेदी , ललित मोहन मिश्र, आर बी निसार, रामचन्द्र त्रिवेदी, रमा तिवारी, बाबा राघव शरण, अनिल निगम राम सागर तिवारी, राकेश अवस्थी, छोटेलाल शुक्ल, सिद्धार्थ तिवारी रहे। कार्यक्रम संयोजक सीता शरण मिश्र व राजेन्द्र कुमार मिश्र ने सभी का स्वागत कर आभार जताया जयन्ती समारोह का आयोजन पं. गया प्रसाद शुक्ल सनेही स्मारक संस्थान हड़हा के तत्वावधान में हुआ।