अब सोने का घड़ा चमियानी में मिला
पुरवा संवादसहयोगी: एक हजार टन सोने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए डौडियाखेड़ा के बाद अब चमियानी के खेत से सोना निकालन को लेकर प्रयास शुरू हो गए हैं। किसान द्वारा पेड़ लगवाने के लिए की जा रही खुदाई के दौरान मिट्टी का घड़ा दिखाई देने के बाद यह खबर आग की तरह फैली। कुछ ग्रामीणों द्वारा खुदाई का प्रयास किया गया तो भूस्वामी से विवाद हो गया और मामला पुलिस की चौखट तक आ पहुंचा लिहाजा। प्रशासन की देख-रेख में खुदाई करने का फैसला लिया गया है।
गुरुवार की देर शाम विकास खण्ड के ग्राम चमियानी के लड्डू पुत्र सत्तू ने गाव स्थिति खेत में आम के पेड़ लगवाने के लिए गढ्ढा खुदवा रहा था। एक गढ्डे के दो तीन फुट खुदाई करने पर मिट्टी का मजबूत पुरातन घड़ा दिखाई दिया। इसकी चर्चा वहां क मजदूरों व किसानों के जरिए गांव में चली गई। इस दौरान किसा ने आसपास लगभग पाच फीट चौड़ाई तक उसने खुदाई की तो घड़े का बड़ा आकार दिखाई देने लगा। खूबसूरत और मजबूत पुराने घड़े का आकार देख आस-पास मौजूद किसान देखकर अचम्भित हो गए। घड़े में सोना निकलने की चर्चा करने लगे। यह खबर समूचे गाव में फैली तो कुछ ग्रामीणों ने कौतहुलवश खुदाई प्रारम्भ किया तो भूस्वामी ने विरोध दर्ज कराया। इसके बाद इसको लेकर विवाद होने लगा। बढ़ते तनाव के बीच इसकी सूचना किसी पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंचे कोतवाली के एसआई राजेन्द्र कात शुक्ला खुदाई बंद करने के निर्देश दिये और पुलिस अधीक्षक और उपजिलाधिकारी हरीलाल यादव को सूचना किया। एसआई राजेन्द्र कात ने बताया कि घड़े में क्या है किसी को नही पता। शनिवार को अधिकारियों की मौजूदगी खुदाई कराई जाएगी। जो होगा सामने आ जाएगा। जबकि उपजिलाधिकारी हरीलाल यादव से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। शनिवार को खुदाई को अधिकारियों से आदेश लेकर खुदाई करवाई जाएगी। तबतक उस स्थान को लोगों के लिए निषिद्ध कर दिया गया है।
देखा नहीं ऐसा घड़ा
लगभग एक फीट चौड़ा मुंह का घड़ा का क्षेत्रफल बड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक घडे़ का मुंह को ईट से बंद किया गया था। लगभग तीन फुट की खुदाई में मिट्टी मिली है। अंदर कई घड़े होने के दावे किये जा रहे है।
किसने रखा होगा सोना
लड्डू के खेतो में मिले मिट्टी के घड़े से सोना निकलने की चर्चा तो पूरे इलाके में जोरों से है। हालाकि लड्डू किसान परिवार से है और उनके पूर्वज खेती करके ही गुजर बसर करते आये है। लड्डू के पास खेती बुर्जुगी समय से है। गाव में मौजूद बुजुर्गो से जानकारी की गयी तो यह किसी को नहीं मालूम कि पूर्व में यह इलाका किसका था।
यहां भी राजा की कहानी
खेत में मिले घड़े में वाकई में सोना है इसके लिये बुजुर्गो से पूर्ववर्ती इतिहास को जाना गया तो पता चला कि सन 1857 के करीब ग्राम चमियानी राजा चन्द्रपाल सिंह की रियासत थी, जो पूर्व में गलगलहा स्टेट कहलाती थी। चन्द्रपाल सिंह की मृत्यु बाद उनके पुत्र राजेन्द्र के नाम रियासत संभाली। किन्तु अंग्रेजी शासनकाल में यह रियासत नीलाम कर दी गई। राजा बलरामपुर पाटेश्वरी प्रसाद सिंह ने नीलामी में रियासत खरीद लिया। उनके जिलेदार यहा रहते थे जिसे गढ़ी के नाम से जाना जाता था। यद्यपि गढ़ी से खेतों की दूरी लगभग 800-900 मीटर है।