कच्चे चमड़े के लिए ब्राजील जाएंगे उद्यमी
उन्नाव अश्विनी कुमार
विदेश में बढ़ रही हमारे चर्म उत्पादों की मंाग और इसके मुकाबले देश में कच्चे चमड़े की कमी को पूरा करने के लिए देश के चमड़ा उद्यमी अब विदेशों पर नजर लगाए हुए हैं। इसके लिए उनकी नजर अब अमेरिका, अर्जेटीना सहित दूसरे अमेरिकी देशों पर है। इसके लिए अगले माह एक प्रतिनिधि मंडल इन देशों के दौरे पर जाएगा। जहां वह कच्चे माल की उपलब्धता के साथ वहां अपने उत्पादों के लिए बाजार तलाशेगा। साथ ही वहां की टेनरियों के साथ संयुक्त उपक्रम की संभावना भी देखेगा।
दूसरे देशों में भारतीय चर्म उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। अरब और खाड़ी देशों के साथ जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन आदि यूरोपीय देशों, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिकी व अफ्रीकी देशों में बड़ी मात्रा में निर्यात हो रहा है। बीते साल उन्नाव कानपुर क्षेत्र से चमड़े के निर्यात में करीब 25 फीसद की वृद्धि हुई है। इसके अनुरूप यहां से कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। देश में कच्चे चमड़े की कमी और विदेशी मांग के अनुरूप गुणवत्ता की कमी को देखते हुए अब विदेशों से कच्चे चमड़े के आयात करने पर उद्यमी जोर दे रहे हैं। वैसे ही देश में स्पेन, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया के अलावा कई अफ्रीकी देशों से प्रसंस्कृत और गैर प्रसंस्कृत कच्चे चमड़े का आयात किया जा रहा है। कच्चे माल की तलाश के लिए कानपुर सहित देश भर के चमड़ा कारोबारियों का प्रतिनिधि मंडल 4 से 8 अगस्त तक पांच दिवसीय दौरे पर ब्राजील और अर्जेन्टीना के दौरे पर जा रहा है। चर्म निर्यात परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष ताज आलम की अगुआई में जा रहे उद्यमी इन देशों के चमड़ा इकाइयों का दौरा करके यहां अपने व्यापार की संभावनाएं तलाशेंगे। चर्म निर्यात परिषद के निदेशक ओपी पांडे ने बताया देश के चर्म उत्पाद की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन कच्चे माल की उपलब्धता कम होती जा रही है। ब्राजील व अर्जेटीना में कच्चे चमड़े व तैयार कच्चे चमड़े की अच्छी उपलब्धता है। यहां से अमेरिका, चीन, जर्मनी थाईलैंड, इटली को आपूर्ति होती है।
उनका कहना है देश में एक तो कच्चे चमड़े की उपलब्धता में कमी है, दूसरे कई देशों की मांग के अनुसार गुणवत्ता भी इसमें नहीं होती है. इन देशों में मोटे और स्वाफ्ट चमड़े की अच्छी उपलब्धता है। जिससे कई देशों की मांग पूरी की जा सकती है।
उत्पादों के लिए बाजार और संयुक्त उपक्रम की संभावना भी तलाशेंगे
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि मंडल इन देशों में अपने उत्पादों के लिए बाजार भी तलाशेगा।
इन देशों में उत्पाद के निर्यात भी बढ़ाएगा व बाजार का जायजा लेगा। स्थानीय टेनरियों के साथ संयुक्त उपक्रम भी लगाने की संभावना तलाशेगा। उनका कहना है कि वैसे हम कई अमेरिकी देशों में अपने उत्पाद को निर्यात करते हैं लेकिन इन देशों के बाजारों में हमारे लिए अभी बहुत संभावनाएं है। इसके अलावा हमारा दल वहां के टेनरियों का भी दौरा करेगा। इसमें चमड़े के प्रशंस्करण की तकनीकि के आदान प्रदान के अलावा उनके साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करने पर भी वार्ता होगी।