झूठे दावों के भरोसे नागरिकों की प्यास
शुक्लागंज, संवाद सहयोगी : आने वाले महीनों में पड़ने वाली भीषण गर्मी में नागरिकों की प्यास आसानी से बुझती नहीं दिखाई पड़ रही है। नगर पालिका ने नागरिकों की प्यास बुझाने के जो सपने लोगों को दिखाए थे, वो अब टूट भी सकते हैं। तीन माह के भीतर नागरिकों को पानी की समस्या से निजात दिलाने का दावा करने वाली पालिका दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद सिर्फ एक डीपबोर के किए जाने की बात कह कर नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी दर्शाने का प्रयास कर रही है।
नगर पालिका क्षेत्र में पानी की विकराल समस्या को देखते हुए जागरण ने गर्मी की शुरुआत के पहले ही इस मुद्दे को नगर पालिका अध्यक्ष मनोज गुप्ता के सामने रखा था। छह फरवरी के अंक में जागरण ने इस संबंध में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें उस वक्त अध्यक्ष ने नागरिकों को पानी की समस्या से तीन माह के भीतर छुटकारा दिलाने का दावा करते हुए प्रत्येक वार्ड में डीपबोर, नए हैंडपंप व सबमर्सिबल लगवाने की बात कही थी। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में औसतन चार-चार ऐसे हैंडपंप को चिह्नित कर डीप, रिबोर 250 फीट पर कराए जाने की बात कही थी, जिसमें पीने योग्य पानी नहीं आ रहा है। साथ ही नए 100 हैंडपंप विभिन्न वार्डो में लगवाने के साथ ही पानी की किल्लत को पूरी तरह से दूर करने के लिए 33 सबमर्सिबल पंपों की सुविधा भी नागरिकों को उपलब्ध कराए जाने की बात कही थी।
नागरिक कर चुके हंगामा
नगर के 25 वार्डो में अधिकांश में पीने के पानी की गर्मियों में हमेशा किल्लत रहती है। इसे लेकर पूर्व में सभासदों से लेकर नागरिक तक हंगामें के साथ कई बार प्रदर्शन तक कर चुके हैं। हाल ही बोर्ड बैठक के दौरान सबसे ज्यादा पानी की किल्लत को लेकर सभासदों ने सदन हंगामा काटा था, जिसके बाद पालिका प्रशासन ने इस समस्या को प्राथमिकता के कार्यो में रख कर कार्य कराए जाने की बात कही थी।
कैसे दूर होगी समस्या
नगर पालिका के कार्य की रफ्तार से होने वाले कार्य की समय सीमा का आंकलन लगाया जा सकता है। पालिका अध्यक्ष के अनुसार डीपबोर का कार्य शुरू करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऋषि आश्रम के सामने एक डीपबोर किया गया है। इस हैंडपंप को मशीन द्वारा रीबोर करने में कर्मचारियों को पूरे एक सप्ताह का समय लग गया और पूरे कार्य की शुरुआत दो माह का समय बीत जाने के बाद इसी डीपबोर से की गई है। अध्यक्ष के अनुसार मशीन से डीपबोर में कायदे से 24 घंटे में हो जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कार्य की रफ्तार बढ़ाने के लिए दो मशीनों को लगवाने की बात कही है।