अब सॉफ्टवेयर करेगा शिकायतों की मॉनीटरिंग
अमित मिश्र उन्नाव
पुलिस गरीबों और कमजोरों की नहीं सुनती। आम जन में मजबूत हो चुकी इस धारणा को बदलने के लिए पुलिस अधिकारियों ने कमर कस ली है। इसके तहत कंट्रोल रूम को हाईटेक और लोगों के लिए दोस्ताना बनाने के बाद अब शिकायत प्रकोष्ठ को हाईटेक और जिम्मेदार बनाया जा रहा है। इससे अब लोगों को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों का घंटों इंतजार करना नहीं पड़ेगा। बल्कि घर बैठे दर्ज करा सकते हैं। इतना ही नहीं उनकी शिकायत 30 दिन के अंदर हल हो जाएगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संबंधित थानेदार पर कार्रवाई होगी। इसके लिए पुलिस इनफार्मेशन सिस्टम नाम से साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिससे शिकायत हल होने तक मानीटरिंग होगी। हर कदम की जानकारी शिकायत कर्ता को दी जाएगी। इस व्यवस्था को लागू करने के साथ ही इसका नाम बदलकर शिकायत प्रकोष्ठ से जन शिकायत प्रकोष्ठ कर दिया गया है।
वैसे तो थानों पर मामलों की सुनवाई न होने पर आम जनता सीधे जिला मुख्यालय पर बैठे पुलिस अधिकारियों से अपनी शिकायत दर्ज कराती है। इसके लिए बकायदे शिकायत प्रकोष्ठ की एसपी आफिस में स्थापना है, लेकिन कागज रजिस्टर और मोहर, डाक के आधार पर चलने वाले इस प्रकोष्ठ से वांछित लाभ जनता को नहीं मिल रहा है। शिकायत एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में लंबा समय लग जाता है। निस्तारण प्रतिशत भी बहुत खराब है। हाल यह है कि एक ही समस्या के लिए पीडि़त कई बार अधिकारियों की चौखट पर आता है। इसको देखते हुए पुलिस अधीक्षक सोनिया सिंह ने अपने शिकायत प्रकोष्ठ को हाईटेक करने के साथ उसकी जिम्मेदारी तय करदी है। इसमें कोई घालमेल न हो इसके लिए हर शिकायत को कंप्यूटर पर दर्ज करने के निर्देश हैं। इतना ही नहीं इसके लिए पुलिस इनफार्मेशन सिस्टम नाम से विशेष प्रकार का साफ्टवेयर तैयार किया गया है। जिससे शिकायत पर लगातार मानीटरिंग होगी। इसका शुक्रवार को सफल परीक्षण भी कर लिया गया। शुक्रवार देर शाम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कंप्यूटर के जानकार पुलिस कर्मियों की टीम ने इसका परीक्षण कर अंतिम रूप दिया है।
प्रथम चरण की शुरुआत
गांवों में अब भी कंप्यूटर ज्ञान कम होने व अनपढ़ लोगों को भी इसका मिले इस लिए इसमें आफ लाइन व आनलाइन दोनों व्यवस्था होगी। पहले चरण में इसे आफ लाइन रखा गया है। शनिवार से इसकी शुरुआत होगी। इसमें एसपी व एएसपी के पास आने वाली शिकायतें इसी प्रकोष्ठ में दर्ज की जाएंगी। शिकायत दर्ज कराते समय शिकायत कर्ता को अपना मोबाइल फोन या बेसिक फोन नंबर देना अनिवार्य होगा। एक बाद शिकायत दर्ज होने के बाद उसे संबंधित थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष को उसी दिन ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसमें थानाध्यक्ष की प्राथमिकता होगी कि वह उस शिकायत की महत्ता को देखते हुए उसे प्राथमिकता दे और कम से कम दिन में निस्तारण करें।
हर 10 दिन में होगी मानीटरिंग
सामान्य शिकायतों का पंजीकृत होने के 10 वें दिन मानिटरिंग होगी। इसमें थाना स्तर पर हुई कार्रवाई का स्टेटस देखा जाएगा। इसके बाद शिकायत दर्ज होने के 20 वें व 30 वें दिन मानिटरिंग की जाएगी। यदि 30 दिन बाद भी संबंधित थाने द्वारा शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ तो उसका जिम्मेदार संबंधित थानाध्यक्ष जिम्मेदार होगा और इसके लिए उससे सवाल जवाब ही नहीं होगा, बल्कि गाज भी गिर सकती है।
एसपी का कहना है कि अभी इसका रिस्पांस देखा जा रहा है। जल्द ही इसे आनलाइन किया जाएगा। इसके बाद भी फोन व लिखित शिकायतें दर्ज होंगी।
प्रथम चरण में यदि जन शिकायत प्रकोष्ठ के सकारात्मक परिणाम आए तो इसे आनलाइन कर दिया जाएगा। आनलाइन होते ही आम जनता घर बैठे ही अपनी शिकायत पुलिस की संबंधित वेबसाइट पर जाकर दर्ज करा सकेगी। शिकायत के एक बार दर्ज होते ही उसके निस्तारण की जिम्मेदारी संबंधित थाने के पुलिस, सर्किल के क्षेत्राधिकारी की होगी। प्रथम चरण में जन शिकायत प्रकोष्ठ के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एसपी पीआरओ जितेंद्र प्रताप सिंह को सौंपते हुए उन्हें इसका प्रभारी बनाया गया है।
सोनिया सिंह
एसपी उन्नाव।
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