पहले भी जा चुकी हैं जानें
उन्नाव, नगर संवाददाता :दशहरा और दीपावली से पूर्व बारुदी विस्फोट और इसमें मौते होने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। पिछले एक दशक में शायद ही कोई ऐसी दीपावली या दशहरा गया हो जब बारुदी विस्फोट न हुआ हो। हर बार विस्फोट के बाद आतिशबाजों पर शिकंजा कसा जाता है और बाद में पुलिस मौन साध लेती है। फिर बारूद का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी होता है। सबसे खास बात यह है कि विस्फोट की जितनी घटनाएं हुई वह बारुदी सामान बनाने या फिर उसका भंडारा करने की देन रहीं। ज्यादातर हादसे दीपावली और दशहरा से पूर्व हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि त्यौहार को देखते हुए बारुदी का अधिक भंडारण और असुरक्षित निर्माण का काम स्टाक करने के लिए किया जाता है इसी में हादसा होता है।
विस्फोटों की लिस्ट
-वर्ष 2006 में आसीवन थाने के मियांगंज में विस्फोट हुआ एक मरा मकान ढहा।
-वर्ष 2005 में आसीवन की ग्राम पंचायत कुरसठ के मजरा वजीरखेड़ा में विस्फोट एक मरा कच्ची कोठरी ढही।
-वर्ष 2009 में आसीवन में बारुदी विस्फोट हुआ तीन लोगों की जान गई।
-वर्ष 2007 में पुरवा कोतवाली के चमियानी में विस्फोट हुआ इसमें बफाती समेत पांच लोगों की जान गई थी।
-2009 में पुरवा कोतवाली क्षेत्र में मुख्यमार्ग पर बस में विस्फोट हुआ था जिसमें दो दर्जन यात्री घायल हुए थे।
-शहर के मोहल्ला ककरहा बाग में वर्ष 2006 में विस्फोट हुआ इसमें एक की मौत हुई थी।
-वर्ष 2002 में बिहार में विस्फोट हुआ इसमें कल्लू व गज्जू की मौत हुई थी।
-वर्ष 2004 में पाटन कस्बा में विस्फोट हुआ इसमें अनवर व श्रीमती नन्हकऊ की मौत हुई थी।
-वर्ष 2004 में बिहार के कैलाव में विस्फोट हुआ सनत कुमार गुप्ता व शमीम की मौत हुई।
-वर्ष 2007 में बारासगवर के भवानीपुर मजरा करनईपुर में विस्फोट हुआ इसमें नन्हेलाल व शिवकुमार की मौत हुई।
-वर्ष 2004 में बिहार थाने के परसंडा में विस्फोट हुआ जिसमें गौसमोहम्मद की मौत हुई थी।
-2006 में अचलगंज थाने के गांव लोहचा में बारुदी विस्फोट हुआ जिसमें एक मरा।
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