ढोल मंजीरे के साथ टोलियों से होता था प्रचार
भदैंया (सुलतानपुर): 1970 के दशक में अपने पहले मत का प्रयोग करने वाले सतीश प्रकाश कहते हैं कि अब तो र
By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 12:35 AM (IST)
भदैंया (सुलतानपुर): 1970 के दशक में अपने पहले मत का प्रयोग करने वाले सतीश प्रकाश कहते हैं कि अब तो रोज प्रत्याशी घर-घर पहुंच रहे हैं। उस समय नेता जब प्रचार के लिए गांव में आते तो गांव के बच्चे बिल्ला और झंडे पाने के लिए उतावले रहते थे। जब तक वे बिल्ला झंडा नही पाते उनके पीछे पीछे दौड़ते रहते। उस दौर में सभी दल ढोल मजीरे के साथ टोलियों में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करते थे। लोग उनका सम्मान करते थे और गानों का आनंद लेते थे।
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