पल्स पोलियो अभियान से कसा किनारा, निकाला मार्च
सुलतानपुर : नागरिकों व चिकित्सकों के बीच में सेतु का काम करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा
सुलतानपुर : नागरिकों व चिकित्सकों के बीच में सेतु का काम करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा बहुएं अब राज्य कर्मचारी का दर्जा मांग रही हैं। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यक्रम पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान में सहयोग न करने का फैसला किया है। रविवार को सैकड़ों की संख्या में आशा बहुएं तिकोनिया पार्क में एकत्रित हुईं। उन्होंने शहर की सड़कों पर अपनी मांगों के समर्थन में मार्च निकालकर आवाज बुलंद की।
बहू आशा कल्याण समिति के बैनर तले गांवों में तैनात आशा बहुएं आंदोलित हैं। रविवार को लगातार तीसरे दिन जिला मुख्यालय स्थित तिकोनिया पार्क में सैकड़ों आशा बहुएं इकट्ठा हुईं। जिलाध्यक्ष किरण शुक्ला व जिला प्रभारी गीता मिश्रा की अगुवाई में बस अड्डा, जिला अस्पताल चौराहा से गंदानाला रोड से डाकखाना चौराहा होते हुए उन्होंने जुलूस निकालकर अपनी मांग के समर्थन में आवाज बुलंद की। संगठन की अध्यक्ष किरन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं वे पल्स पोलियो कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगी। अंजनी पांडेय, सुमन शुक्ला, रीता पांडेय, मीरा ¨सह, नीलम ¨सह, मधुबाला ¨सह, लता ¨सह व सुषमा आदि मौजूद रहीं। उधर, आशा बहू कल्याण समिति ने पल्स पोलियो अभियान में सक्रिय भागीदारी की। जिलाध्यक्ष सुमन ¨सह व भदैंया अध्यक्ष गुंजा ¨सह ने कहा कि हमें धरना-आंदोलन से कोई मतलब नहीं है। बच्चों के भविष्य खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
आशा बहुओं के बहिष्कार से पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम तनिक भी प्रभावित नहीं ह आ है। क्योंकि शहर से सटे इलाकों को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों की आशा बहुएं अभियान में सहयोग कर रही हैं।
सीबीएन त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी