'शहीद-ए-आजम के नाम पर खुले विश्वविद्यालय'
सुल्तानपुर : देश में आजादी मिलने के बाद क्रांतिकारियों के नाम पर न कोई विश्वविद्यालय खोला गया और न ही कोई संस्थान। जबकि जाति व मजहब के नाम पर सैकड़ों विश्वविद्यालय खोले जा चुके हैं। आज जरूरत है शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय की। जिससे कि नई पीढ़ी उनके बारे में जान और समझ सके। ये कहना है वरिष्ठ अधिवक्ता व साहित्यकार राजेश्वर सिंह का। वे रविवार को जिला पंचायत सभागार में शहीदे आजम भगत सिंह मेमोरियल कमेटी की ओर से आयोजित किए गए समारोह को संबोधित कर रहे थे।
बतौर मुख्य अतिथि सिंह ने कहा कि भगत सिंह महान क्रांतिकारी थे। छोटी सी उम्र में भी उन्हें हर विषय का ज्ञान था। शहीदे आजम के नाम पर विश्वविद्यालय एवं शैक्षिक संस्थान खोला जाना आवश्यक है। इस अवसर पर कमेटी के जिलाध्यक्ष रामसुंदर यादव ने प्रधानमंत्री को इस संदर्भ में पत्र लिखने की घोषणा की। समारोह को डॉ.रामनाथ मिश्र, जेपी मौर्य, हासिम अब्दुल्ला, रामकुमार सिंह, ओपी उपाध्याय आदि ने भी संबोधित किया। आरए कोविद, ऊषा सिंह, बाबूलाल आदि मौजूद रहे। वहीं शहीद स्मारक सेवा समिति ने जिला पंचायत परिसर में स्थापित शहीदे आजम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत पर्यावरण पार्क की सफाई के लिए श्रमदान शिविर आयोजित किया। जिसमें बड़ी संख्या में लोहरामऊ एवं परऊपुर की महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर माबूद अहमद, करतार केशव यादव, अजमत अली, बद्री गुप्ता, अवधेश सिंह, अंबिका पांडेय आदि मौजूद रहे।