टांडा-बांदा हाईवे पर विकसित होगी एकल हरित पंक्ति
आशुतोष मिश्र, सुलतानपुर टांडा-बांदा चौड़ीकरण योजना को मूर्त रुप देने के लिए हरियाली पर जमकर आरे चले।
आशुतोष मिश्र, सुलतानपुर टांडा-बांदा चौड़ीकरण योजना को मूर्त रुप देने के लिए हरियाली पर जमकर आरे चले। सैकड़ों साल से खड़े वृक्षों को गिरा दिया गया। छांव तले की सड़क बेछांव हो गई। अब उसे फिर से आबाद करने की तैयारी की जा रही है। वन विभाग ने 50 हजार पौधों की एकल हरित पंक्ति तैयार करने की कवायद शुरू की जा रही है। रेंजरों को लक्ष्य आवंटित कर दिए गए हैं। मानसून का इंतजार है, इसी के साथ रोपण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इलाहाबाद-फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कटका बाजार से पीढ़ी व सेमरी बाजार होते हुए अंबेडकरनगर के लिए संपर्क मार्ग निकला था। ¨सगल रोड को बेहतर शक्ल दी गई। शासन ने टांडा-बांदा के बीच नई सड़क तैयार कर उसे चौड़ी करने का फैसला किया। इसके लिए बजट जारी हुआ और हाईवे की भांति रोड तैयार करने से पूर्व रास्ते में आड़े आ रहे वृक्षों को हटाने का निर्णय लिया गया। हजारों की संख्या में पेड़ गिरा दिए गए। हरित क्षेत्र उजाड़ में तब्दील हो गया। अब हाईवे को हरित क्षेत्र में बदलने की योजना बनाई गई है। शहर समेत जय¨सहपुर व सदर तहसील की सरकारी नर्सरी से पौधों की खेप भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इनसेट..आठ फुट के लगेंगे पौधे
दोनों पटरियों के किनारों पर रोपित होने वाले पौधों की ऊंचाई आठ फुट रखने का निर्णय लिया गया है। मकसद है नष्ट होने वाले पौधों की संख्या में कमी लाना और फिर से पौधे लगाने में व्यय होने वाले खर्च को बचाना। पंच पल्ल्व की श्रेणी वाली वेराइटियों को अहमियत दी जाएगी। इनमें प्रमुख रूप से पाकड़, पीपल और नीम शामिल हैं।
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-एकल हरित पंक्ति में पौधों की दूरी एक समान रखी गई हैं। जिससे हाईवे पर छाया दी जा सके। रोड पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाले वायू प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण के प्रतिशत को कम किया जा सके।
-केसी बाजेपेई, प्रभागीय वनाधिकारी