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हलुआ-पूरी का प्रसाद और घंटा चढ़ाते हैं भक्त

भदैंया: सुलतानपुर- वाराणसी राजमार्ग पर पांच किमी पूरब स्थित है लोहरामऊ देवी श्री दुर्गा जी का धाम। य

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 10:27 PM (IST)
हलुआ-पूरी का प्रसाद और घंटा चढ़ाते हैं भक्त
हलुआ-पूरी का प्रसाद और घंटा चढ़ाते हैं भक्त

भदैंया: सुलतानपुर- वाराणसी राजमार्ग पर पांच किमी पूरब स्थित है लोहरामऊ देवी श्री दुर्गा जी का धाम। यहां पर नवरात्र में भक्तों का तांता लगा रहता है। जिले ही नहीं वरन आसपास जनपदों से भक्तगण मां के दर्शन व पूजा पाठ करने के लिए यहां पहुंचते हैं। माता को हलुआ पूरी का प्रसाद व घंटा चढ़ाना यहां की प्रथा है। इस मंदिर के बगल ही बजरंगबली, भगवान शंकर राधाकृष्ण श्री राम दरबार का भी मंदिर है। जिनका भक्तगण दर्शन एक साथ करते हैं।

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इनसेट..मंदिर का है पुराना इतिहास

इस मंदिर का प्राचीन इतिहास है । मंदिर के जीर्णोद्धार में मिली लखौरी ईटें इसके मुगलकालीन सभ्यता से पहले का होने का प्रमाण देते हैं। पहले इस स्थान पर घना जंगल था जहा चरवाहे गाय चराते थे। वहीं नीम के पेड के नीचे एक ¨पडी रूप में चरवाहों को मां ने दर्शन दिए। तब से यहां दीप जलाकर पूजा शुरू हुई। समय के साथ यहां चबूतरा बना फिर छोटा मंदिर और 1989 मे विशाल मंदिर का निर्माण हुआ और आदि शक्ति माता रानी की नयी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई ।

इनसेट.विशेषता

श्री दुर्गा देवी मंदिर लोहरामऊ लोगों की आस्था का केन्द्र है। अन्य जिलों से लोग यहां मां भगवती के स्वरूप को नारियल चुनरी व हलुआ पूरी चढाने आते हैं। नवरात्रि में यहां उत्सव सा नजारा दिखता है। मंदिर को सजाकर रंगाई पुताई की जाती है। रात में रंग-बिरंगी रोशनी से मां का दरबार नहाया रहता है। हजारो की संख्या मे भक्त प्रतिदिन यहां मन्नत पूरी होने पर कड़ाही चढ़ा, हलुआ पूरी सब्जी चढ़ा प्रसाद वितरण करते हैं। नवरात्रि में तो यहा भक्तगण नि: स्वार्थ भावना से फल व प्रसाद का वितरण मंदिर के मुख्य द्वार पर करते हैं।

इनसेट.अजेर अली के परिजन कराते हैं आरती

मंदिर मे आमतौर पर आरती का समय सुबह छ: बजे व शाम को आठ बजे है । लेकिन नवरात्रि में इसमें परिवर्तन रहता है। नवरात्रि में सुबह 5:00 बजे आरती होती है। शाम की आरती 8:30 बजे की जाती है। मंदिर की शुरुआत से ही गांव के अजेर अली नगाड़े की धुन पर आरती कराते चले आ रहे हैं, यह परंपरा आज भी कायम है।

इनसेट..बोले भक्त

पुजारी पं.राजेन्द्र प्रसाद मिश्र कहते हैं की मां जगत जननी हैं। यहां आने वाले हर भक्त की वह मुराद पूरी करती हैं। मंदिर को नवरात्रि मे विशेष रूप से सजाया जाता है। यहां छेत्र के दर्जनों पंडित आकर नवरात्रि भर मां का पाठ, हवन व पूजा आरती करते हैं। शाम की आरती में महिलाओं का विशेष योगदान होता है।

प्रबंधक सुनील कुमार ¨सह कहते है कि मंदिर की साफ सफाई, रंगाई-पुताई व साज-सज्जा प्रबंधतंत्र करता है। यहां सुरक्षा के लिऐ स्थानीय पुलिस की भी तैनाती रहती है। महिला व पुरुष भक्तों को अलग-अलग लाइन से दर्शन की व्यवस्था है।

अध्यक्ष सुरेश प्रताप ¨सह कहते हैं की साल के दोनो नवरात्रि मे भक्तों का तांता लगा रहता है। जिले सहित पड़ोस के जिलों से भी भक्त मां के दर्शन को यहां आते रहते हैं। भक्तों के सुविधा के लिए सुरक्षा के साथ पीने के पानी व लाइन से दर्शन की व्यवस्था रहती है।


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