अतिक्रमण व गंदगी से होकर मंदिर पहुंचेंगे श्रद्धालु
सुलतानपुर : तीन दिन बाद नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने जा रहा है। प्रसिद्ध श्री दुर्गा देवी मंदिर ध
सुलतानपुर : तीन दिन बाद नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने जा रहा है। प्रसिद्ध श्री दुर्गा देवी मंदिर धाम जाने वाला मार्ग अतिक्रमण की चपेट में है। इतना ही नहीं घरों व नालियों का गंदा पानी भी इसी रास्ते पर बहता है। ऐसे में श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने के लिए गंदगी व अतिक्रमण से गुजरना होगा। प्रदेश में योगी सरकार बनते ही नवरात्रि के पर्व पर मंदिरों के आसपास व्यवस्था चाक चौबंद करने का फरमान जारी किया है। इसी के मद्देनजर 'जागरण' ने जिले के प्रसिद्ध लोहरामऊ देवी मंदिर की व्यवस्था का हालचाल देखा।
जहां सब कुछ अभी बेपटरी है। जबकि तीन दिन बाद ही नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है। इसकी तैयारी भी होने लगी है। मंदिर के मुख्य द्वार से सड़क तक दुकानदार कब्जा किए हैं। अतिक्रमण इस कदर है कि मंदिर का मुख्यद्वार व मंदिर का गुंबद तक नहीं दिखता। वहीं रास्ते में दुकाने लगने से श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में कठिनाई होती है। राजमार्ग से लेकर मंदिर तक आधा किमी की दूरी में करीब बीस घरों की नालियों का पानी सड़क पर ही बह रहा है। श्रद्धालु सड़क पर उतर कर इसी गंदे पानी के बीच से मंदिर तक पहुंचेंगे।
-इनसेट..: रास्ते में खड़े ठेलों से दिक्कत
राजमार्ग से उतरते ही मंदिर को जाने वाली सड़क की पटरी पर ही आधा दर्जन दुकानदारों के ठेले खडे़ रहते हैं। दिनभर सड़क की पटरी पर खड़े ठेले शाम को दुकानदार ले जाकर सड़क पर व्यवसाय करते हैं। नवरात्रि भर श्रद्धालुओं के लिए ये ठेले भी परेशानी खड़ी करते हैं।
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ध्यानार्थ--इसमें नवरात्र का लोगो लगा लें। इसे पैकेज में बाक्स बनाएं
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हे¨डग (इस बार आठ दिनों का होगा वासंतिक नवरात्रि
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29मार्च से पांच अप्रैल तक होगी मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा
-प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना, दशमी को होगा पारन
संवादसूत्र, सुलतानपुर: इस बार वासंतिक नवरात्रि आठ दिनों का होगा। 29 मार्च को प्रतिपदा तिथि से कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की आराधना शुरू होगी। उपवास पांच अप्रैल (नवमी तिथि) तक रखा जाएगा। उदया तिथि यानि दशमी को पारन किया जाएगा।
नवरात्र अममून नौ दिनों तक चलता। ऐसा कम ही होता है जब नवरात्रि आठ दिनों में संपन्न होगा। अबकी बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 29 मार्च को पड़ रही है। इसी दिन से नवरात्र की शुरुआत होगी। इस तिथि को सुबह 5.30 बजे से 6.33 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी।
स्थानीय परोहित पं.आनंद प्रकाश शुक्ल ने बताया कि प्रतिपदा तिथि को सुबह सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए। स्नान आदि कर्म क बाद साफ वस्त्र धारण करें। हाथ में जल, कुश और अक्षत लेकर संकल्प कर भगवान ब्रह्माजी का आह्वान कर आचमन करें। इसके बाद अर्घ्य देकर, वस्त्र यज्ञोपवीत, गंध, अक्षत, पुष्प, दीप, नैवेद्य, धूप, चंदन आदि से पूजन करें।
इनसेट.: बुधवार को मां का आगमन इसी दिन गमन वासंतिक नवरात्रि बुधवार से शुरू होगा। मतलब मां दुर्गा का आगमन बुधवार को होगा और आठवें दिन यानि पांच अप्रैल को भी बुधवार पड़ रहा है। पं. कैलाशनाथ शास्त्री के मुताबिक यह अवसर विशेष फलदायी होता है कि मां का आगमन और प्रस्थान का दिन एक ही है।
इनसेट..: 29 को शैलपुत्री व ब्रह्मचारिणी की पूजा
पं.अतुल शास्त्री ने बताया कि 29 मार्च को सुबह 6.33 बजे तक प्रतिपदा है। इसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी। मतलब भक्त 6.33 बजे के पहले कलश स्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा करेंगे। इसके बाद मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद के दिनों में क्रमश: मां चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धरात्रि की पूजा होगी।