दिखावा बनी टंकी, शो पीस बने हैंडपंप
भदैंया: गर्मी आ गई है अब लोगों को पीने के पानी की चिंता सताने लगी है। स्वजलधारा योजना की टंकी हो या
भदैंया: गर्मी आ गई है अब लोगों को पीने के पानी की चिंता सताने लगी है। स्वजलधारा योजना की टंकी हो या हैंडपंप सब जबाब दे रहे हैं। सूखे तालाब जल स्तर बढ़ाने के बजाय लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। ऐसे में आसन्न गर्मी को लेकर सभी परेशान हैं। जागरण ने पेयजल व्यवस्था को लेकर कई गांवों की पड़ताल की। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट..।
इनसेट.दिखावा साबित हुई स्वजल धारा परियोजना
भदैंया में स्वजल धारा योजना के तहत गांवों में पानी की टंकी स्थापित की गई। गहराई में बोरिंग कर गांव में लोगों को शुद्ध जल पीने के लिए पाइप लाइन बिछाकर पानी मिलने की व्यवस्था थी। मगर 15 साल बाद भी लोगों को इस योजना का कोई लाभ नही मिल सका है। वहीं लाखों रुपये योजना के नाम पर सरकार खर्च कर चुकी है। यह योजना बजेठी, भपटा, रामपुर, हनुमानगंज, बरूई, बभनगंवा, जगदीशपुर, बेलासदा सहित आठ गांवों में एक साथ शुरू हुई थी। योजना के तहत गांवों में पानी की टंकी बनी, पंपहाउस बनाकर दो-दो जनरेटर खरीदे गए, पाइप लाइन बिछाई गयी, टोटी लगी लेकिन सब बेकार हो गया। आज दिन एक भी ग्राम पंचायत में यह टंकी संचालित नहीं हो रही है। इनसेट.दर्जनों हैंडपंप हुए बेकार
क्षेत्र के दर्जनों गांवों के हैंडपंप गर्मी के शुरुआती दौर में ही जवाब दे चुके हैं, तो गर्मी मे इनकी क्या हालत होगी। बेला सदा गांव में शंकरपुर जूनियर हाई स्कूल सहित दो हैंडपंप खराब हैं। सांसापुर प्राथमिक स्कूल अभियाकला विद्यालय सहित कई स्कूलो के हैडपंप बेकार पडे है। अभियांखुर्द गांव में चार हैंडपंप खराब पड़ा है। बभनगंवा व कुछमुछ मल्हौटी में भी पानी पीने की समस्या बनी हुई है। यहां स्थापित अधिकांश हैंडपंप यांत्रिक खराबियों के चलते ठप पड़े हैं। कई बार लोगों ने इसकी शिकायत सीडीओ समेत जलनिगम के अधिकारियों से की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
-इनसेट.जल स्तर बढ़ाने में नाकाम तालाब
मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत जल स्तर बढ़ाने के लिए खोदे गए तालाबों में पानी नहीं है। कहीं बच्चों ने इसे खेलने का मैदान बना लिया है। तो कहीं झाड़-झंखाड़ उगने से ये जंगल में तब्दील हो गए हैं। ब्लाक मुख्यालय से लेकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थापित तालाब सूखे पड़े हैं। जो जल संचयन की योजना की तिलांजलि दे रहे हैं।