गांवों में नकदी की किल्लत बरकरार
सुलतानपुर : शहर के एसबीआइ समेत कई बैंकों में शनिवार को खाते से धनराशि का वितरण किया गया। वहीं ग्रामी
सुलतानपुर : शहर के एसबीआइ समेत कई बैंकों में शनिवार को खाते से धनराशि का वितरण किया गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की कई शाखाएं करेंसी के अभाव में बंद रहीं। उपभोक्ता दिनभर बैंकों के बाहर प्रतीक्षा करते रहे। कुछ एटीएम पर तो सुबह से शाम तक कतारें लगीं रहीं। जबकि अधिकांश एटीएम के शटर शाम तक नहीं उठे।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बस स्टेशन शाखा व बाधमंडी में शनिवार को खाते से उपभोक्ताओं को धनराशि दी गई। सुपर मार्केट स्थित यूनियन बैंक में पैसा देने के लिए दस हजार की भुगतान सीमा नियत कर दी गई। बैंक प्रबंधक विनोद कुमार के मुताबिक उन्हें अभी तक 4.25 करोड़ रुपये मिले हैं। जो उपभोक्ताओं में बांट दिए हैं। जबकि 18.5 करोड़ रुपये पुरानी करेंसी जमा की गई है। अन्य राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों में भी भुगतान की सीमा तय कर उपभोक्ताओं को नकदी बांटी गई। छोटे नोटों की तुलना में 2000 के नोट वितरित अधिक हुए। एटीएम पर दिनभर लोगों का तांता लगा रहा।
दोस्तपुर संवादसूत्र के अनुसार, बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक का गेट बंद होने से बड़ी संख्या में ग्राहक बाहर प्रतीक्षा करते रहे। स्टेट बैंक के चैनल पर पैसा नहीं होने की नोटिस लगने से सैकड़ों लोगों को वापस लौटना पड़ा। पीएनबी के बाहर लोग दिनभर प्रतीक्षा करते रहे। एटीएम में भीड़ के चलते महिलाएं व वृद्ध परेशान हुए। बीओबी में 2000-4000 रुपये के बीच ही भुगतान होने से लोगों को जरूरत के मुताबिक नोट नहीं मिल सकी।
सूरापुर संवादसूत्र के अनुसार, शादी, विवाह व ब मारी से परेशान लोग घंटों बैंकों के बाहर इंतजार करते रहे। स्टेट बैंक के बाहर महिलाएं कतार में थकने के बाद जमीन पर बैठ गईं। अंबे अग्रहरि, पवन कुमार, सियाराम ने अव्यवस्था दूर करने के लिए आवाज उठाई।
भदैंया संवादसूत्र के अनुसार, क्षेत्र की बैकों के गेट पर शनिवार को पैसा न होने की नोटिस चस्पा कर दी गई। हनुमानगंज की पेंशनर सोना उपाध्याय, स्वामीनाथ गुप्ता, विहारी लाल व क्षेत्र के रवींद्र कुमार, जादीपुर की शकुन देवी, राममिलन तिवारी आदि पैसे निकालने के लिए बैकों की परिक्रमा करने को मजबूर हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की हनुमानगंज व कामतागंज शाखाओं में भी धन की कमी सामने आ रही है। उपभोक्ताओं को लाइन में लगने के बाद केवल दो हजार रूपये मिल रहे हैं। शादी विवाह व तेरहवीं पड़ने वाले घरों के परिजनों को भी बैंक से पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। पच्चीस दिन बाद भी हनुमानगंज, कामतागंज, भदैंया व कंधईपुर में स्थित सभी एटीएम नाकाम हैं।
इनसेट..: पत्नी के इलाज के लिए भटक रहा पति
करौदीकला : रवनिया निवासी लल्लन ¨सह ने कहाकि मेरी पत्नी तारा ¨सह कैंसर से पीड़ित है। इलाज के लिए कमला नेहरू हास्पिटल इलाहाबाद में भर्ती कराया है। ग्रामीण बैंक शहाबुददीनपुर के प्रबंधक श्रीशचंद्र दस नवंबर से लगातार दौड़ा रहे हैं। रूपया नहीं निकाल पा रहे हैं कैसे हो इलाज? पेंशन भोगी हूँ मात्र इसी का सहारा है संकट से जूझ रहा हूँ।