इधर कुआं उधर खाई, असमंजस में सपाई
सुलतानपुर : सपा शीर्ष में घमासान है। इससे दल के निचले स्तर तक के कार्यकर्ता भी परेशान हैं। रविवार को
सुलतानपुर : सपा शीर्ष में घमासान है। इससे दल के निचले स्तर तक के कार्यकर्ता भी परेशान हैं। रविवार को तो दो पाले भी ¨खच गए। अब कौन किस में है इस पर स्थानीय स्तर पर असमंजस छाया है। कोई चाहकर भी एकतरफा प्यार का इजहार करने से बच रहा, तो कोई दो नावों पर पैर रखकर राजनीतिक मझधार में सकुशल पार उतरना चाह रहा है। इधर संगठन की ओर से चुप्पी साध ली गई है।
यूं तो समाजवादी पार्टी के सुलतानपुर में पांच विधायक हैं। लम्भुआ से संतोष पांडेय, सदर से अरुण वर्मा, सुलतानपुर से अनूप संडा, कादीपुर से रामचंद्र चौधरी, इसौली से अबरार अहमद। ओहदेदारों में सुरभि शुक्ला, जानकी पाल, रघुवीर यादव, संदीप शुक्ला सरकार की लालबत्तियां पाए हुए हैं। विधायकों में अभी तक कोई मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ अपनी निकटता जाहिर करता रहा तो कोई शिवपाल के साथ। कोई आजम खां का सबसे करीबी तो कोई राजा भइया का निकटवर्ती। कोई सपा मुखिया मुलायम ¨सह का पुराना हमदर्द। मगर आज के दिन वे पांचों असमंजस में हैं। किससे निकटता है यह कोई भांप न ले इस नाते किसी का मोबाइल कॉल फॉरवर्ड पर है तो किसी का नॉट रिचेबल। रविवार को मुख्यमंत्री की बैठक में जिले के कितने विधायक मौजूद हुए। यह भी बताने में कुछ विधायकों ने परहेज किया। एक विधायक से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री की बैठक में जिले से कितने विधायक थे। वे बोले कि हमको एक युवा विधायक वहां मौजूद मिले थे। चूंकि मैं बैठक के अंत में पहुंचा इस नाते बाकी को देख न सका। दर असल विधायक का यह बयान पूरी तरह से अन्य साथियों के बचाव वाला लगा। सपा के अंदरखाने में कसमकश है। एक पदाधिकारी नाम न छापने की तर्ज पर कहते हैं कि घर की लड़ाई है। इसमें जबरन घुसने वाला जबरदस्त नुकसान उठाता है। ऐसा पुराना इतिहास भी है। इसी नाते सपा के लोग फिलहाल सपा के साथ हैं। नेता सभी बड़े हैं, उनका निर्देश जो भी होगा पार्टी की परिपाटी के हिसाब से निभाया जाएगा।
पार्टी एकजुट है : प्रो.राम सहाय
सपा जिलाध्यक्ष प्रो.राम सहाय से जब पूछा गया कि आज शहर में अमर ¨सह का पुतला फूंका या तो उनका जवाब था कि हमें कोई जानकारी नहीं है। अगला सवाल हुआ कि आपके पांचों विधायकों में कौन किसके साथ है। वे बोले सब लोग समाजवादी पार्टी के साथ हैं।